नार्थ-ईस्ट के चुनावी घमासान की जंग खत्म होने को आई है लेकिन अभी इस सियासी घमासान का आखिरी पड़ाव बाकि है। 18 फरवरी 2018 को त्रिपुरा की जनता ने अपने बहुमुल्य वोट का इस्तेमाल करके प्रत्याशियों की किस्मत तय कर दी है, तो वहीं दूसरी ओर मेघालय और नागालैंड के मतदाताओं ने बीते मंगलवार को अपने वोट का इस्तेमाल करके अपने-अपने प्रदेशों का भविष्य तय कर दिया है।
जन की बात ने त्रिपुरा को उसका पहला और सबसे बड़ा ओपिनियन पोल दिया था। जिसके बाद ”जन की बात” के दर्शकों ने सीईओ प्रदीप भंडारी से एग्जिट पोल की मांग की। जन की बात की हर बात और हर फैसला जन के लिए ही तो होता है।” जन की बात” ने पब्लिक डिमांड के चलते न्यूज़ एक्स के साथ रिलीज किया त्रिपुरा का सबसे बड़ा एग्ज़िट पोल।
न्यूज़ एक्स और जन की बात के एग्ज़िट पोल में त्रिपुरा की किस्मत ओपिनियन पोल जैसी ही चमकती नज़र आई क्योकि मतदान हो जाने के बाद भी त्रिपुरा में बीजेपी की लोकप्रयिता साफ देखी जा सकती है। न्यूज़ एक्स पर ”जन की बात” का एग्जिट पोल रिलीज करते समय सीईओ प्रदीप भंडारी ने बताया कि त्रिपुरा में बीजेपी की लोकप्रियता 2018 में जिस रफतार से बढ़ी है उसका पूरा श्रेय जाता है बीजेपी कार्यकर्ताओं को जिन्होने 2014 से लेकर अबतक प्रदेश में काम किया और जनता के बीच तक अपनी पहुॅंच बनाई है।
जन की बात के एग्ज़िट पोल में बीजेपी को 35-45 सीटें मिल रही है जबकि सीपीआईएम को सिर्फ 14-23 सीटें ही मिली है। हालांकि ये चुनावी घमासान त्रिपुरा प्रदेश में सिर्फ बीजेपी और सीपीआईएम के बीच ही है लेकिन कांग्रेस को प्रदेश में एक भी विधानसभा सीट ना मिलने की संभावना है जबकि अन्य पार्टियाॅं या फिर निर्दलीय उम्मीदवारों में एक सीट मिलने की संभावना है। जनता के फैसले में ये बड़ा बदलाव सिर्फ इसलिए है क्योकि जनता के बीच सीपीआईएम के प्रति गुस्सा है। जन की बात और न्यूज़ एक्स के इस एग्जिट पोल में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाती हुई नज़र आ रही है लेकिन सीपीआईएम की सीटें सिर्फ 14-23 पर सिकुड़ कर रह गई है।