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जन की बात के फाउंडर एवं सीईओ प्रदीप भंडारी हुए डीडी न्यूज़ के कार्यक्रम ‘दो टूक’ में बतौर युवा पत्रकार शामिल: देखें और पढ़ें.

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हाल ही में ‘जन की बात‘ के फाउंडर सीईओ प्रदीप भंडारी डीडी न्यूज़ के प्राइम टाइम के कार्यक्रम ‘दो टूक‘ में बतौर युवा पत्रकार शामिल हुए. कार्यक्रम के होस्ट वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव हैं और उन्होंने कार्यक्रम का मुद्दा ‘कांग्रेस और भाजपा के आगमी चुनावों में चुनौतियों‘ बनाया जिसमे प्रदीप भंडारी के अलावा

१- के. के. शर्मा – भाजपा के प्रवक्ता
२- अलोक शर्मा – कांग्रेस के प्रवक्ता

मौजूद रहे.

 

अशोक श्रीवास्तव – 2018 में होने वाले चुनावों को आप किस प्रकार से देखते हैं?
प्रदीप भंडारी – अगर 2019 में होने वाले आम चुनाव को हम चुनावों का फाइनल मानते हैं तो ‘2018 के चुनाव’ को उसका सेमीफइनल कहा जा सकता है, और भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए 2019 बहुत महत्त्वपूर्ण है.

अशोक श्रीवास्तव  – भाजपा के लिए 2018 में सबसे बड़ी चुनती क्या है?
प्रदीप भंडारी  – भाजपा के लिए 2018 में सबसे बड़ी चुनती यह है की
1 – क्या वो दक्षिण भारत में विजय पताका फेहरा पायेगी? क्या उनका चुनावी रथ कर्नाटक के दरवाजे पहुँच कर किला फ़तेह कर पायेगा? यह उनकी प्रथम चुनती है.

2– दूसरी सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने मौजूदा भाजपा शासित राज्यों (मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान) को आने वाले चुनावों में अपने पास बरक़रार रखते हुए वापिस जीतने की है ?

3– तीसरी सबसे बड़ी चुनैती उत्तर पूर्वी क्षेत्र त्रिपुरा की है, वहां भाजपा की विचारधारा की लड़ाई है. त्रिपुरा की राजनीती में 28 सालों से जिस तरह से लेफ्ट का प्रभुत्व है, उसे जीतना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा.

अशोक श्रीवास्तव  – कांग्रेस और भाजपा को आमने सामने किस तरह देखते हैं?
प्रदीप भंडारी  – 2017 में गुजरात में 150 सीटों का भाजपा का नारा था, और उनकी सीटें आयी 99 हालाँकि भाजपा का वोट शेयर जरूर बढ़ा है लेकिन कांग्रेस भी पहले से ज्यादा मजबूत हुई है. 2019 के सन्दर्भ में कांग्रेस के सामने जरूर चुनौतियाँ हैं. लेकिन भाजपा के सामने चुनौती यह है की क्या उनका प्रदर्शन सकारात्मक रहा है? जनता के सामने भाजपा को अपने पिछले 5 साल का ब्यौरा देकर यह जरूर बताना होगा की उनके कार्यकाल में उन्होंने कैसे पिछली सरकारों से बेहतर प्रदर्शन किया है.

 

अशोक श्रीवास्तव  – क्या 2018 भारीतय राजनीती का ‘Make or Break’ वाला साल होगा?
प्रदीप भंडारी  – हाँ मैं यह मानता हूँ की साल 2018 राजनितिक निर्णायक का रूप लेगा. हालाँकि अंतिम निर्णय जनता के हाथ में है लेकिन यह भी मानना होगा की अभी के हिसाब से भाजपा काफी मजबूत है. 2018 एक बहुत बड़ा सेमीफाइनल होगा.

 

Full Videohttps://www.youtube.com/watch?v=GzUskPSJGzo&t=12s

यह स्टोरी स्पर्श उपाध्याय ने की है

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