कैसा रहेगा कर्नाटक में ”जन की बात” का सफर
न्यूज़ डेस्क-28 मार्च को दिल्ली में चुनाव आयोग की तरफ से कर्नाटक के चुनाव का ऐलान कर दिया गया। चुनाव के तारीख का ऐलान होते ही कर्नाटक में चुनावी बिगुल बज गया। सभी पार्टियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। जेडीएस ने अपने 126 उम्मीदवारों की सूचि पहले ही जारी कर दी है वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है।
वहीं चुनाव के इस माहौल को जानने समझने लोगों के मुद्दे को जानने ”जन की बात” की टीम भी कर्नाटक में पहुंच चुकी है। जन की बात की टीम यहाँ पुरे कर्नाटक के एक-एक विधान सभा छेत्र में जाएगी और वहां के लोगों से उनकी समस्या जानेगी। मतदाता से जानेगी की उनकी सोच क्या है और किस किस मुद्दों को ध्यान में रख कर वो वोट करेंगे।
ऐसे होगी जन की बात जनता से रूबरू
ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग
”जन की बात” की पूरी टीम कर्नाटक विधान सभा के लगभग सभी सीट पर जा कर वहां के लोगों से मुद्दे जानेगी। वहां के मतदाता की क्या सोच है उस पर बात करेगी। पांच साल में विधायक ने क्या क्या कार्य किये वो जनता से जानेगी।
चौपाल
”जन की बात” पुरे कर्नाटक में 120 से ज्यादा चौपाल करेगी। चौपाल में सम्बंधित विधान सभा के छेत्र के नेताओं को बुलाकर जनता का सीधा संपर्क कराएगी। इसके जरिए जनता अपना सवाल सीधे नेताओं से पूछ सकती है।
युथ चौपाल
जन की बात की पूरी टीम कर्नाटक में स्थित लगभग 20 कॉलेज में युथ चौपाल करेगी। युथ चौपाल में फर्स्ट टाइम वोटर को तरजीह दी जाएगी। वहीँ युवाओं को एक मंच दिया जायेगा ताकि वो भी अपनी मांग और अपनी आवाज़ नेताओं तक पंहुचा सके।
ओपिनियन पोल
लगभग सभी विधान सभा की रिपोर्टिंग करने के बाद ”जन की बात” एक ओपिनियन पोल निकालेगी। ओपिनियन पोल निकालने के लिए लगभग एक लाख मतदातों की राय ली जाएगी। इससे पहले भी जन की बात आठ राज्यों के कई चुनावो का ओपिनियन पोल निकाल चुकी है जो सही साबित हुआ है।
एग्जिट पोल
गुजरात,त्रिपुरा समेत अन्य राज्यों के एग्जिट पोल निकालने के बाद जन की बात की तरफ से कर्नाटक में भी एग्जिट पोल निकला जायेगा। गौरतलब हो की कर्नाटक से पहले भी जन की बात की टीम 8 चुनावो का एग्जिट पोल निकाल चुकी है जो सही साबित हुआ है।चुनाव के परिणाम आने के बाद कई नेशनल टीवी चैनल वालों ने भी जन की बात का लोहा माना है।
जनता से सीधा संवाद करेंगे जन की बात के सीईओ & संपादक (राजनीतिक विशेषज्ञ) प्रदीप भंडारी
कर्नाटक के विधान सभाओं में रिपोर्टिंग के दौरान जनता से सीधा संवाद 26 वर्षीय युवा सीईओ &संपादक (राजनीतिक विशेषज्ञ) प्रदीप भंडारी जनता से रूबरू होंगे प्रदीप भंडारी ही वो इंसान है जिसने पिछले दो सालों में अपना नाम जमीन से आसमान तक पहुं।चाया हैप्रदीप भंडारी पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम है जो सिर्फ मुद्दों और तथ्यों के साथ ग्राउंड जीरो आए जनता के मुद्दों को लगातार उठाते आए है। बता दें कि, मात्र 26 साल की उम्र में इस युवा ने पत्रकारिता जगत के मापदंड और राजनीतिक समीकरणों को ही बदल कर रख दिया है। इन्होने आठ राज्यों के चुनाव का ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल निकाला था जो बिलकुल सही साबित हुआ है> यहां तक कि त्रिपुरा जैसा राज्य जहां देश की मीडिया अपने बड़े बड़े स्टूडियों में बैठ कर जहां अपनी रणनीति का निर्माण कर रही थी उस समय जन की बात की टीम प्रदीप भंडारी के नेतृत्व में त्रिपुरा के जंगलों में चुनावी माहौल का जायजा ले रही थी।