नितेश दूबे
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी कई सीटें रही जहां पर लड़ाई काफी रोचक रही। उन्हीं में से एक मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र जहां पर बीजेपी के चर्चित नेता और आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा चुनावी मैदान में थे। वहीं पर आम आदमी पार्टी की ओर से वर्तमान विधायक और युवा चेहरा अखिलेश पति त्रिपाठी मैदान में थे। बीजेपी ने कपिल मिश्रा को करावल नगर से मॉडल टाउन भेजा था और करावल नगर में उनकी जगह पर पार्टी ने पुराने और वरिष्ठ नेता मोहन सिंह बिष्ट को टिकट दिया था जो कि करावल नगर से अपनी सीट जीत जाते हैं। बीजेपी को उम्मीद थी कि मॉडल टाउन में 2 ब्राह्मणों के बीच में कपिल मिश्रा भारी पड़ेंगे और बीजेपी यह सीट जीत जाएगी।
नहीं चला बीजेपी का पैतरा।
आपको बता दें कि मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र में 3 वार्ड आते हैं। इनमें से सबसे अधिक महत्व संगम पार्क वार्ड का था जहां पर सबसे अधिक वोट आते। मॉडल टाउन वार्ड में तो बीजेपी आगे थी क्योंकि यहां पर पंजाबी और वैश्य समाज का वोट था और वैश्य समाज एक तरफा बीजेपी को वोट दिया था। जबकि संगम पार्क में गरीब तबका भी रहता था और यहां पर मीडियम क्लास भी रहता था। लेकिन सभी ने का आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को चुना।
क्यों चुना आप को?
लोगों ने आम आदमी पार्टी को इसलिए क्योंकि आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी की छवि साफ-सुथरी थी। सबसे खास बात उनकी यह थी कि वह विधायक रहते हुए भी क्षेत्र की जनता से हमेशा घुले मिले रहते थे। हर वक्त जनता के लिए खड़े रहते थे और इसका असर और इसका फायदा उनको चुनाव में मिला। पार्टी को और आम आदमी पार्टी को लोगों ने वोट दिया। यहां पर केजरीवाल फैक्टर के साथ बीजेपी के लिए अखिलेश त्रिपाठी भी भारी पड़े क्योंकि आम आदमी पार्टी के विधायक पार्टी का भी काम यहां पर अच्छा था।
इसके साथ ही बीजेपी के प्रत्याशी कपिल मिश्रा यहां पर नए-नए आए थे। जिससे क्षेत्र की जनता के लिए बाहरी पड़ गए थे। इसका भी घटा कपिल मिश्रा और बीजेपी को उठाना पड़ा। बीजेपी ने यहां पर कई आम आदमी पार्टी के नेताओं को अपने पाले में शामिल तो किया। लेकिन जनता यहां पर आम आदमी पार्टी के साथ थी और कपिल मिश्रा उनके लिए नए थे। इसलिए जनता ने अखिलेश पति त्रिपाठी को चुना।