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कैसे भारत बनेगा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर? क्या है प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम?

कोरोना के संकट से देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से  उभारने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की है। जिसके तहत घरेलू उत्पादन में वृद्धि के साथ घरेलू उत्पाद के उपभोग पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए वोकल फॉर लोकल जैसे मंत्र भी जनता को दिए।

सरकार अब देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है। जिसके तहत देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद विशेषकर मोबाइल फोन और अन्य विशेष इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा।

इस योजना के तहत सरकार अगले 5 साल में इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को 49,951 करोड़ रुपए इंसेंटिव के रूप में देगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधार वर्ष 2019-2020 को लिया गया है।

इस योजना का लाभ पाने के लिए आईटी मंत्रालय की तरफ से इंक्रीमेंटल निवेश इंक्रीमेंटल बिक्री की शर्तों को रखा गया है। विदेशी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी को भारत में अगले 4 साल में 1000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। वहीं कंपनी को बिक्री 25,000 करोड़ रुपए तक करनी होगी। वहीं भारतीय मोबाइल फोन निर्माता कंपनी को अगले 4 साल में 200 करोड़ों रुपए तक का निवेश करना होगा। जबकि बिक्री 1000 करोड़ रुपए तक की करनी होगी।

विशेष प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट जैसे सेमीकंडक्टर चिप, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, पीसीबी बोर्ड, सेंसर्स, नोनो चिप आदि बनाने वाली कंपनियों को पीआईएल योजना का लाभ उठाने के लिए चार साल में 100 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।

इसके लिए इच्छुक कंपनियों को आईटी मंत्रालय द्वारा गठित की गई नोडल एजेंसी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी के पास आवेदन करना होगा।

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