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जन की बात ऑनलाइन सर्वे- 66% लोगों ने माना चाइना को मिलिट्री के साथ आर्थिक रूप से भी सबक सिखाया जाए

 

आपको बता दें कि 15 और 16 जून को भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके साथ ही भारतीय जवानों ने भी अपना पराक्रम और शौर्य दिखाते हुए चीन के 43 से अधिक जवानों को मारा था। चाइना ने हमला धोखे से किया था और चाइना ने हमले के लिए कील वाली स्टील रॉड का इस्तेमाल किया था। हालांकि चाइना यह मानने को तैयार नहीं कि उसके कितने सैनिक मरे थे। लेकिन अमेरिकी खुफिया विभाग ने भी माना कि चाइना के 1 अफसर समेत 35 लोग इस हिंसक झड़प में मारे गए। पूरे घटनाक्रम के बाद पूरे देश में चाइना के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। लोग चाइना के प्रोडक्ट को बायकाट करने की बात कर रहे हैं और मांग भी कर रहे हैं। इसी क्रम में भारत सरकार भी धीरे-धीरे बड़ा फैसला ले रही है और प्रधानमंत्री ने कल ही अपने बयान में स्पष्ट किया था कि भारत जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगा। समय आने पर भारत माकूल जवाब देगा।

आपको बता दें कि भारत में व्याप्त लोगों के मन में आक्रोश को जानने के लिए जन की बात ने एक ऑनलाइन सर्वे किया। इस सर्वे के दौरान हमने जानने की कोशिश की कि चाइना को कैसे रोका जा सकता है

आइए जानते हैं क्या रहा सर्वे का रिजल्ट:-

क्या कहता है सर्वे?

इसी पूरे घटनाक्रम को लेकर जन की बात की टीम ने एक ऑनलाइन सर्वे किया। जिसमें हमने जानने की कोशिश की कि भारत आखिर में चाइना को किस तरीके से जवाब दें। आपको बता दें कि इस सर्वे में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और अपना मत रखा। इस सर्वे में हम लोगों को तीन ऑप्शन दिए थे।  चाइना का इलाज मिलिट्री द्वारा हो, दूसरा ऑप्शन था कि चाइना का इकोनामिक बॉयकॉट हो और तीसरा ऑप्शन था कि चाइना का मिलिट्री और इकोनोमिक दोनों तरीके से इलाज हो।

आपको बता दें कि इस सर्वे में 5580 लोगों ने अपना मत प्रयोग किया। इस दौरान 16% लोगों ने कहा कि चाइना का इलाज मिलिट्री रिस्पांस के तहत किया जाए जबकि 18% लोगों ने माना कि चाइना का इकोनोमिक यानी कि आर्थिक तरीके से बॉयकॉट हो। वहीं पर सर्वे में 66% लोगों ने माना कि चाइना का मिलिट्री के साथ-साथ आर्थिक तौर पर बायकॉट हो और तभी चाइना के होश ठिकाने आएंगे।  इस सर्वे से यह पता चलता है कि लोगों के मन में चाइना के प्रति कितना गुस्सा भरा है। इस वक्त लोग शहीद जवानों का बदला तो लेना चाह ही रहे हैं लेकिन साथ ही साथ चाइना को हमेशा हमेशा के लिए आर्थिक तौर पर भारत से खत्म करना चाह रहे हैं।

आपको बता दें कि पूरे घटना क्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि जब भारत की अखंडता और संप्रभुता पर खतरा आएगा तब भारत शक्ति प्रदर्शन करने से भी नहीं हिचकेगा। भारत हमेशा से शांति चाहता है। शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। समय आने पर माकूल जवाब दिया जाएगा।

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