लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा किए हमले में भारत के 20 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। यही नहीं बदले में भारतीय जवानों ने भी 40 से अधिक चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। यहां पर तुलना इस बात की नहीं है कि, किसने किसके कितने जवानों का नुकसान किया सवाल यहां पर यह उठता है कि, चाइना का ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत कहां से आई?
सवाल यह भी उठता है कि, भारत के हर एक जवान बेशकीमती है।
इन्हीं सब सवालों के साथ जब हम जमीन पर लोगों से उनकी राय जानने के लिए उतरे तो जनता में इसके प्रति भारी आक्रोश देखने को मिला। हमने हरियाणा के महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी क्षेत्र में लोगों से इस पूरे घटनाक्रम के ऊपर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की। लोगों के द्वारा इस पूरे मामले के सामने आने के बाद यह कहा गया की अब समय आ गया है जब भारत को चाइना के इस घिनौने काम का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
आपको बता दें कि हरियाणा के दक्षिण में स्थित महेंद्रगढ़ रेवाड़ी वीर भूमि कहा जाता है। क्योंकि यहां के प्रत्येक गांव के अंदर आपको शहीद स्मारक देखने को मिल जाएंगे। वहीं हर घर या परिवार से एक या दो युवा भारतीय सेना में या तो कार्यरत है या फिर वह जाने की तैयारी में जुटा हुआ है। जब हम लोगों से उनकी राय जानने के लिए जमीन पर उतरे तो हमारी मुलाकात सतनाली क्षेत्र के भूपेंद्र सिंह शेखावत से हुई।
जिन्होंने इस पूरे मामले पर आक्रोश दिखाते हुए कहा कि, अब चीनी सामान का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर देना चाहिए । अब समय आ गया है जब चीन को सीमा के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी पछाड़ने की जरूरत आ गई है। वह रेवाड़ी निवासी दिनेश से मिले तो उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अब किसी भी मामले में किसी से कम नहीं है। हमारे 20 से 25 जवानों ने 5000 चीनी सैनिकों का सामना किया है। एक एक भारतीय सैनिक 10-10 चीनी सैनिकों पर भारी पड़ेगा।
अब जवाब देने का समय आ चुका है।
वही हमारी मुलाकात रेवाड़ी क्षेत्र में ओमेक्स कंपनी के प्रधान से हुई उन्होंने कहा कि चाइना अब बेशर्मी पर उतर आया है। हमें इसका जवाब अब शक्ति से देना चाहिए। भारतीय सेना को तुरंत प्रभाव से कार्य करते हुए हमारे सैनिकों की बलिदान का बदला लेना चाहिए।
महेंद्र महेंद्रगढ़ निवासी राकेश राव ने कहा कि उसका एक भाई भी कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस देश के हर एक जवान के जान की कीमत बेशकीमती है, हमारे लिए हमारा जवान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। चीन द्वारा किए गए इस घिनौने कार्य का जवाब तुरंत देना चाहिए और जवानों की जान का बदला हाथों हाथ लेना चाहिए।
आपको बता दें कि बलवान घाटी में हुए भारत और चीनी सेना की झड़प में भारत के 20 जवान लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गए थे। वहीं चाइना के भी 43 जवान मारे गए। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।