राजस्थान में सियासी संकट एक बार फिर से गरमा गया है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सत्ता की चाबी पाने के लिए आमने-सामने आ गए है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने एक बयान में यह कहा कि, “जब एक बार सीएम बन गया हूं तो बाकियों को शांत रह कर काम करना चाहिए”
क्या अब सचिन पायलट भी बगावत कर सकते हैं?
वही राजस्थान कांग्रेस के कुछ विधायक बीजेपी के संपर्क में आने की भी बात सामने आ रही है। राजस्थान पुलिस की एक स्पेशल फोर्स ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है।
अब तक की उठापटक
बता दें कि राजस्थान पुलिस ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के मामले में मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है। राजस्थान पुलिस ने इस पूरे मामले की खोजबीन करने के लिए एसओजी नाम से एक विशेष टीम का गठन भी किया है। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा नोटिस जारी किया गया।
राजस्थान पुलिस द्वारा गठित की गई स्पेशल टीम एसओजी ने शुक्रवार को अशोक गहलोत सरकार गिराने को लेकर विधायकों की खरीद के मामले में कथित तौर पर शामिल दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जल्द ही करीब दो दर्जन विधायकों व अन्य लोगों को भी बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। हिरासत में लिए गए लोगों ने खुलासा किया था कि दो से तीन विधायक भाजपा की ओर से कांग्रेस विधायकों को पैसे की पेशकश की थी।