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बीएमसी का दोहरा चरित्र, मनीष मल्होत्रा को नोटिस देकर 7 दिनों का समय दिया, लेकिन कोर्ट के स्टे के बाद भी कंगना रनौत का ऑफिस तोड़ दिया

महाराष्ट्र सरकार लगातार उन लोगों को परेशान कर रही है जो सुशांत के न्याय के लिए आवाज उठा रहे हैं। यहां तक कि महाराष्ट्र सरकार इतना इन लोगों से बौखला गई कि उन्होंने रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी और कंगना रनौत के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी पारित कर दिया। सबसे बड़ी बात जब शिवसेना और कंगना विवाद सामने आया और संजय राउत ने कंगना रनौत को लाइव टीवी पर गाली दी, उसके बाद कंगना राणावत ने शिवसेना और उद्धव ठाकरे को ललकारा। उसके बाद ही शिवसेना बदले की कार्यवाई पर उतर आई और 24 घंटे के अंदर नोटिस देकर कंगना राणावत का पॉली हिल वाला ऑफिस शिवसेना ने बीएमसी के जरिए तुड़वा दिया। सबसे बड़ी बात कंगना शहर में थी भी नहीं और उनको महज 24 घंटे की मोहलत दी गई और उन्हें अपना जवाब देने को कहा गया।

इस पूरी घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश है और कंगना राणावत का करोड़ों का ऑफिस तुड़वा दिया गया। लेकिन इसी बीच जब बीएमसी कि पूरे देश में मुंबई पुलिस की तरह ही बदनामी होने लगी और लोग बुरा भला कहने लगे, तब बीएमसी ने दिखावे के लिए और बैलेंस करने के लिए फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा को भी नोटिस दिया। आपको बता दें कि मनीष मल्होत्रा को बीएमसी ने नोटिस देकर कहा है कि उनके ऑफिस के कुछ पार्ट में उन्हें अवैध निर्माण लगता है ,इसके लिए वह दस्तावेज दिखाए। सबसे बड़ी बात मनीष मल्होत्रा को 7 दिनों तक का समय दिया गया था ताकि मनीष मल्होत्रा कोर्ट जाए और कोर्ट से स्टे भी ले सकते हैं। जब कंगना के ऑफिस तोड़ने की बात आई तो 24 घंटे के अंदर ही तोड़  दिया। जबकि उस समय मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और बाद में हाईकोर्ट ने अपने फैसले पर स्टे लगा दिया।

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