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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैराना पलायन पीड़ितों का दौरा करके यूपी चुनाव 2022 के लिए टोन सेट कर दिया है?

प्रदीप भंडारी ने सोमवार को जनता का मुकदमा में सीएम योगी आदित्यनाथ के कैराना दौरे पर चर्चा की। इस बहस में भाजपा ,सपा ,रालोद ,कांग्रेस बीएसपी सहित सभी दलों के प्रवक्ता शामिल हुए और उन्होंने अपनी बातें रखी। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने सोमवार यानी 8 नवंबर को कैराना का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने कैराना पीड़ितों से मुलाकात की। ये लोग वो पीड़ित है जो कि कैराना में 2016 में पलायन कर गए थे क्योंकि वहां पर उनको टारगेट किया जा रहा था और उनके लिए वहां पर सुरक्षित माहौल नहीं था।

प्रदीप भंडारी की बहस पर कैराना के पीड़ित व्यक्ति राजीव जैन भी जुड़े और उन्होंने अपनी व्यथा बताई और बताया कि किस तरह से पहले की सरकार में माहौल था। उनको उस समय वहां पर टारगेट किया गया। राजीव जैन ने प्रदीप भंडारी के शो जनता का मुकदमा में प्रदीप भंडारी से कहा कि , “वहां पर पलायन आर्थिक कारणों से नहीं बल्कि एक समुदाय को टारगेट करने के कारण हुआ था। उस समय सपा के लोग दोषियों को संरक्षण देते थे और हमारे घरों में चोरी की जाती थी। दिनदहाड़े हत्या हो जाती थी और फिर हमारे ऊपर ही मुकदमा भी दर्ज किया जाता था।”

आपको बता दें कि इस बहस में जनता भी जुड़ी और जन की बात कू पोल के माध्यम से जनता ने अपना मत रखा। आपको बता दें कि देशी सोशल मीडिया ऐप कू पर जन की बात ने एक पोल किया और हमने जनता से जानने की कोशिश की वे योगी आदित्यनाथ के दौरे को कैसे देखते हैं? हमने जनता से सीधा सवाल पूछा कि, “क्या योगी आदित्यनाथ ने कैराना पलायन पीड़ितों का दौरा करके यूपी चुनाव 2022 के लिए टोन सेट कर दिया है?” आपको बता दें कि इस पोल के माध्यम से जनता ने अपना मत रखा और 90% लोग मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ ने कैराना पलायन पीड़ितों के घर का दौरा करके उपचुनाव 2022 के लिए टोन सेट कर दिया है। वहीं पर 10फ़ीसदी जनता मानती है कि ऐसा कुछ नहीं होगा।

जन की बात के संस्थापक और जनता का मुकदमा के होस्ट प्रदीप भंडारी ने पूरे मुद्दे पर अपनी दलील भी रखी। उनकी दलील सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:-

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