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अपने किताब में हिन्दुत्व को लेकर विवादित लेख लिखने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद माफ़ी नहीं मांगेंगे?

रिषभ सिंह, जन की बात

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद की एक किताब सनराइज ओवर अयोध्‍या पर बवाल मच गया है। बुधवार को ही किताब लांच हुई है। इसके लांच के कुछ घंटों बाद ही इस पर बवाल भी खड़ा हो गया। बवाल की वजह इसमें लिखे कुछ विवादित अंश हैं, जिसकी वजह से खुर्शीद मीडिया की भी सुर्खियां बने हुए हैं। खुर्शीद पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्‍होंने इस किताब के जरिए हिंदुत्‍व को बदनाम करने की कोशिश की है। दरअसल, इस किताब में उन्‍होंने हिंदुत्‍व की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम से की है। अयोध्‍या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुर्शीद ने कहा कि उन्‍हें लगता था कि वो उस फैसले की व्‍याख्‍या करें जिससे वो कभी जुड़े हुए थे।

इस किताब पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया के जरिए जबरदस्‍त हमला करते हुए कहा। उनका कहना है कि बहुसंख्‍यक हिंदू देश में मुस्लिमों को जितना सम्‍मान मिला है उसके बाद भी खुश नहीं है। मन में इतना जहर भरा हुआ है क्‍यों? खुर्शीद की इस किताब पर दिल्‍ली के एक वकील विनीत जिंदल ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराया है। उन्‍होंने भी हिंदुत्‍व की आईएस से तुलना किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इसमें उन्‍होंने लिखा है कि किताब के जिस अध्‍याय में इसका जिक्र है उसको सैफ्रान स्‍काई का नाम दिया गया है और ये किताब का पेज नंबर 113 है। शिकायत में ये आरोप लगाया है कि ऐसा लिखकर खुर्शीद ने हिंदुओं की भावनाएं भड़काने का काम किया है। अपनी शिकायत में जिंदल ने कहा है कि देश का संविधान हर किसी को आजादी से बोलने और अपनी बात रखने का अधिकार देता है, लेकिन इसको जरिया बनाकर भावनाओं को भड़काना, राष्‍ट्र की गलत छवि बनाना एक अपराध है।

गौरतलब की बात यह है कि सलमान खुर्शीद अभी तक माफी मांगने के मूड में नहीं दिख रहे है। उन्हें लगता ही नहीं कि उन्होंने कुछ गलती की है उनके बोलचाल, उनके रवैया ,उनके चाल चलन से साफ दिखता है कि उन्हें रत्ती भर का मलाल नहीं है कि उन्होंने अपने विचारधारा के सामने अपने सिद्धांत और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाया है।

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