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यूपी में वोट के लिए ‘शाहीन बाग’ की राजनीति करने वाले ओवैसी पर प्रदीप भंडारी का मुकदमा, पढ़िए उनकी दलील

विपिन श्रीवास्तव, जन की बात

यूपी में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं के विवादित बयान भी बाहर आने लगे हैं। इसी सिलसिले में कल बरेली में AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक ऐसा ही बयान दिया जिसके बाद फिर से सियासी माहौल गर्म हो गया है। दरअसल प्रधानमंत्री द्वारा कर्षि कानून वापस लेने के बाद उत्साहित असदुद्दीन ओवैसी ने कल बरेली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम सरकार से CAA और NRC वापस लेने की मांग करते हैं और अगर सरकार ने ऐसा नही किया तो यूपी में भी शाहीन बाग बनाया जाएगा’ उनके इसी भड़काऊ बयान के बाद से यूपी की राजनीति गर्म हो चुकी है, और इसी अराजक राजनीति पर आज प्रदीप भंडारी ने अपना मुक़दमा लड़ा।

जनता का मुकदमा पर प्रदीप भंडारी ने अपनी दलील में कहा: ‘ये देश को निर्णय करना है कि क्या ये देश चुनी हुई संसद द्वारा चलेगा, या ये देश सड़कों के दबाव के हिसाब से चलेगा, ये देश को निर्णय करना है है कि ये कानून का पालन करने वाले नागरिकों के हिसाब से चलेगा या देश को सड़कों पर बैठाने वाले आंदोलनकारियों के हिसाब से चलेगा?’

 

असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रदीप भंडारी ने कहा: ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी को भी सार्वजनिक सड़कों बंद करने का अधिकार नही है। इसके बावजूद असदुद्दीन ओवैसी को एक नया जोश आ गया है कि अगर 15 महीने में सरकार दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांग मान सकती है तो फिर किसान मुसलमानों की CAA और NRC की मांग क्यों नही मान सकती। ओवैसी जी आप तो शाहीन बाग की बात न करें, आप खुद अपने हैदराबाद में शाहीन बाग नही जुटा पाए, न दिल्ली वाले शाहीन बाग बाग में गए और अब यूपी में शाहीन बाग की बात करते हैं’

आगे प्रदीप भंडारी ने कहा: ‘देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है कि शाहीन बाग के राजनीतिक मॉडल को उत्तर प्रदेश खारिज करे।

प्रदीप भंडारी की पूरी दलील आप ऊपर दिए लिंक पर जॉकर देख सकते हैं और इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया twitter के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। हमारा twitter हैंडल है @jankibaat1

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