शनिवार को अपने जनता का मुकदमा शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बारे में बात की और कहा कि सत्ता जाने के डर से उद्धव सरकार को बालासाहेब के हिंदुत्व की याद आ रही है.
प्रदीप भंडारी ने कहा कि,’उद्धव जी सत्ता जाने के डर से, पार्टी जाने के डर से आज आपकी पार्टी को महान बालासाहेब ठाकरे की याद आ रही है, पर आज मैं और महाराष्ट्र की जनता आपको बालासाहेब का हिंदुत्व याद दिलाना चाहती है.
बालासाहेब कहा करते थे कि देश को अंग्रेजों को देना ज्यादा अच्छा है, बजाएं सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने से. क्या आपने 2.5 साल में बालासाहेब की विचारधारा को याद किया? बालासाहेब कहां करते थे कांग्रेस को राज्य और केंद्र से उखाड़ फेंकना चाहिए जो एक कैंसर के समान है. क्या उद्धव जी आपको बालासाहेब की विचारधारा 2.5 साल में याद नहीं आई ?
बालासाहेब ने गोपीनाथ मुंडे और मनोहर जोशी के साथ टीम बनाई थी, 1995 में शरद पवार की सरकार को हटाने के लिए. तो क्या 2.5 साल में उसी एनसीपी के साथ गठबंधन करते वक्त बालासाहेब की विचारधारा याद नहीं आई? सच यह है कि संजय राउत जी ने 2.5 साल में बालासाहेब की विचारधारा का प्रस्ताव कार्यकारिणी में पास किया है. एनसीपी, आईएनसी के साथ सरकार जब चल रही थी तब नहीं पास कर पाए.
' Balasaheb Thackeray once said it's better to hand over this country to Britishers than making #SoniaGandhi the Prime Minister.' –
Pradeep Bhandari's DALEEL on #UddhavSenaDhamki debate on @JMukadma on @IndiaNews_itv.#UddhavThackeray #MaharashtraCrisis @pradip103 pic.twitter.com/YkmBzdp6kw
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) June 25, 2022
सच यही है कि आज जब सत्ता और पार्टी जाने का डर है तो संजय राउत जी को बालासाहेब ठाकरे जी की याद आ रही है. सच यह है कि उनकी शिवसेना के अधिकतर एमएलए का सपोर्ट एकनाथ शिंदे के पास है, तो संजय राउत जी धमकी और डर से शिवसेना के विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं.और सत्य यही है कि क्योंकि हिंदुत्व को उद्धव ठाकरे ने 2.5 साल में दरकिनार कर दिया तो सिर्फ पार्टी बचाने के लिए बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को याद किया जा रहा है.