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‘स्वराज’ अपने आप में सम्पूर्ण भारत को स्वतंत्र कराने का भाव है: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली स्थित आकाशवाणी भवन में देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समेटे कार्यक्रम ‘स्वराज’ की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी। ‘स्वराज’ जल्द ही दूरदर्शन के नैशनल चैनल पर प्रसारित होने वाला 75 कहानियों की सीरीज का एक प्रोग्राम है जिसमे भारत के महानतम क्रांतिकारी और वीरांगनाओं की 75 कहानियां है जिनके बारे में देश के लोगों को या तो मालूम नहीं है या फिर बहुत आंशिक जानकारी है और इस कार्यक्रम का ध्येय ही यही है की भारत को महान विभूतियों और क्रांतिकारी चरित्रों को देश की जनता के सामने दूरदर्शन के जरिए रखा जाए और महान भारत की महान विरासत को साझा किया जा सके। इसी मौके पर आज भारत के गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अथिति के रूप में मौजूद थे और उन्होंने कार्यक्रम की स्पेशल स्क्रीन का शुभारंभ भी किया।

करीब एक घंटे की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद आज गृह मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा की-

‘बहुत सारे निजी चैनलों के बोलबाले के बीच एक सवाल अक्सर उठता है की दूरशन का औचित्य ही क्या है, लेकिन मेरे मन में बहुत स्पष्टता है, और मुझे पंडित जसराज और उस्ताद बिस्मिल्ला खान दोनो में मुझे निजी बातचीत में बताया है की अगर आकाशवाणी नहीं होता तो हमारा अस्तित्व ही नहीं होता। और दूरदर्शन ने भी अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से समय समय पर देश को झंझोड़ने का काम किया है। देश को संस्कारित करने और भावनाओं को जोड़कर पेश करने का काम किया है’

आगे उन्होंने कहा की ‘भारत के भाव की अभिव्यक्ति आकाशवाणी और दूरदर्शन के बिना संचार माध्यमों में संभव ही नहीं थी। ये कार्यक्रम ऐसा है की इसका अपने आप में बहुत महत्व है, हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है और आजादी का गौरव गान कर रहे हैं। साथ ही साथ अमृत महोत्सव से लेकर शताब्दी तक महान भारत का भविष्य कैसा होगा उसकी रचना का संकल्प भी ले रहे हैं।

मैं मानता हूं की भारत यहां से जो छलांग लगाने वाला है उसके बाद भारत को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसी कड़ी में ‘स्वराज’ धारावाहिक के 75 एपिसोड बनाने का काम अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में दूरदर्शन ने लिए है और ये बहुत कठिन काम है।

जहां तक स्वराज शब्द का अर्थ है, विदेशों के संदर्भ में स्वराज का अर्थ खुद का शासन है, लेकिन जहां तक भारत का सवाल है स्वराज शब्द अपने आप में सम्पूर्ण भारत को स्वतंत्र कराने का भाव है। इसके अंदर स्वभाषा, स्वसंस्कृति, स्वसंस्कृति भी सम्मिलित है, और जब तक हम इन सभी को हासिल नहीं करते तब तक स्वराज को चरितार्थ नहीं कर सकते हैं। अगर शताब्दी के वर्ष में अगर हम हमारी संस्कृति को न बचा पाए तो क्या हमें स्वराज मिल पाएगा?’

आगे युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, जिन्होंने हमें ऊपर शासन किया उन्होंने हमारी संस्कृति को तहस नहस कर दिया, वो शासन तभी कर सकते थे जब हमारे जन मानस के अंदर हीन भावना उत्पन्न कर पाएं। क्योंकि हर क्षेत्र में हम उनसे आगे थे। हमारे पास संपत्ति इतनी थी की जब पहली पर क्लाउड लॉयड मुर्शिदाबाद जीते थे तो इंग्लैंड के राजा को पत्र लिखकर बताया था की मैंने एक ऐसा राज्य जीता है जिसमे 126 लंदन के बराबर संपत्ति है।

आगे उन्होंने कहा की, उन्होंने मिथक खड़ा किया की भारतवासी अनपढ़ है, जिस देश ने दुनिया को गीता दी, जिस देश ने दुनिया को वेद दिए, जिसने दुनिया को शून्य दिया, जिस देश ने दुनिया को खगोल शास्त्र दिया वो कैसे अनपढ़ हो सकता है। इसके अलावा ग्रह मंत्री ने ‘स्वराज’ सीरीज की तारीफ करते हुए उसके निर्देशक, निर्माता और सभी कलाकारों को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।

‘स्वराज’ की स्पेशल स्क्रीनिंग में अमित शाह के साथ केंद्रीय सूचना एवम प्रसारण व युवा कार्यक्रम एवम खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भाजपा के कई सांसद, दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल, प्रसार भारती के सदस्य डी. पी. एस. नेगी, आकाशवाणी के महानिदेशक एन. वी. रेड्डी और सीरीज से जुड़े कई कलाकार मौजूद रहे।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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