Voice Of The People

वक़्फ़ संपत्ति सर्वे से वोट बैंक वाले नेताओं को लग रहा है डर-प्रदीप भंडारी की दलील

उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे के बाद अब वक़्फ़ की संपत्तियों की जांच का आदेश दिया गया है, जिसका विरोध हो रहा है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूपी सरकार का आदेश गैरकानूनी है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वे दोनों आखिर क्या कर रहे हैं? ओवैसी ने कहा कि यह एक तरह से छोटी NRC है.

बुधवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर बात की।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, असदुद्दीन ओवैसी जी कल जब मैंने डिबेट की वक़्फ़ के ऊपर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक़्फ़ की जमीन पर सर्वे का आर्डर दिया तब से आप के खेमे में घबराहट पैदा हो गई।

असदुद्दीन ओवैसी एक बात समझ नहीं आती आप हर बात पर हिंदू मुस्लिम क्यों घुसा देते हैं। क्या एक राज्य सरकार अवैध प्रॉपर्टी के सर्वे के लिए आर्डर नहीं दे सकती? क्या हमारा देश संविधान से चलता है या सरिया से?

अगर आप वक़्फ़ एक्ट के सेक्शन 83 को कोट करते हैं तो आप सेक्शन 4 को कैसे भूल जाते हैं जिसके तहत राज्य सरकार सर्वे का ऑर्डर दे सकती है। आप लोग सेक्शन 40 को भूल जाते हैं जो संविधान की मूल धारा के खिलाफ है जो यह कहता है कि वक़्फ़ को अगर लगता हैं कोई भी जमीन वक़्फ़ के अंदर आनी चाहिए वह उसे वक़्फ़ की जमीन कर देते हैं।

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, दोस्तों अगर मैं किसी भी धर्म का हूं और अगर मेरी जमीन पर वक़्फ़ ने कब्जा कर लिया तुम सालों साल मुझे वक़्फ़ के चक्कर ही लगाने पड़ेंगे मैं कोर्ट के चक्कर नहीं लगा सकता। सवाल यह है कि यह भेदभाव इस देश में दूसरे धर्म के लोगों के साथ क्यों हो रहा है?

सेकुलरिज्म की बात करने वाले असदुद्दीन ओवैसी जी जब योगी आदित्यनाथ ने कानूनी रूप से एक सर्वे ऑर्डर किया तब आप इसीलिए घबराए क्योंकि आपको पता है वक़्फ़ के अंदर बहुत सारी गैरकानूनी संपत्ति है।

SHARE

Must Read

Latest