बिहार में जहरीली शराब के कारण मौत का आंकड़ा 39 तक पहुंच गया है। पहले जब शराबबंदी नहीं तब भी बिहार (Bihar) में घरों के चिराग बुझ रहे थे और अब जब शराब पर बैन है तो अब भी हालात कुछ बदलते नजर नहीं आ रहे। राज्य में चीख पुकार मची हुई है। मरने वालों ने आंखों की रोशनी तक जाने की बात कही है। ये आंकड़ा तो केवल हाल ही के दिनों का है। अगर पिछले कुछ सालों को रिकॉर्ड देखें तो तो मौत के आंकड़े डराने वाले हैं. उस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि ‘जो पिएगा, वो तो मरेगा ही।’ बिहार का ये मुद्दा संसद तक भी पहुंच चुका है।
आज अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर आज का मुकदमा किया।
प्रदीप भंडारी ने कहा की, N.F.H.S 2020 रिपोर्ट के मुताबिक ड्राई स्टेट होने के बवाजूद बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा लोग शराब पी रहे हैं…
बिहार में 15.5% पुरुष शराब पीते हैं, बिहार के गांव में 15.8% और शहर में 14% लोग शराब पीते हैं, जबकी महाराष्ट्र में शराब बन नहीं है, लेकिन फिर भी वहां सिर्फ 13.9% पुरुष ही शराब पीते हैं…
तो एक बात तो बिलकुल क्लियर है नीतीश कुमार जी… आप फेल हो चुके हैं, बिहार में शारब बंदी के मामले आप पूरी तरह से फेल हो चुके हैं…और यही वजह है आपकी बोखलाहट का, कि आप इस तरह के असंवेदनशील ब्यान दे रहे हैं…”कि जो शारब पियेगा वो तो मरेगा ही”
लेकिन नीतीश जी “जो मरने वाले शराब पी रहे हैं आखिर वो शराब एक ड्राई स्टेट में आ कहा से रही है ये सबसे बड़ा सवाल है, वो भी तब जब शरब बंदी लगे हुए 6 साल हो चुके हैं, और हर साल लाखो लीटर शराब आपकी ही पुलिस द्वारा जब्त की जा रही हैं?