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नेशनलिस्ट सोशल मीडिया कॉन्क्लेव में राष्ट्रवादी पत्रकार व जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने भरी हुंकार कहा: माइनॉरिटी कौन है इसको रीडिफाइन करना बहुत जरूरी है

इंडिया न्यूज़ के न्यूज़ डायरेक्टर जन की बात के सीईओ, राष्ट्रवादी पत्रकार प्रदीप भंडारी उज्जैन में नेशनलिस्ट सोशल मीडिया कॉन्क्लेव में पहुंचे. जहां पर उन्होंने जय महाकाल के उद्घोष के साथ अपने भाषण की शुरुआत की. साथ ही मंच पर विराजमान सभी लोगों का अभिवादन करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जब भी एक चुनावी विश्लेषक के तौर पर देश के अलग-अलग हिस्सों में भ्रमण करता हूं तो एक बात मुख्य तौर पर करता हूं कि जहां-जहां देश के अंदर डेमोग्राफी चेंज हैं.

और जहां जहां हिंदू मेजॉरिटी में नहीं है वहां पर नाही सेकुलरिज्म की बात होती है और ना ही वहां पर किसी भी तरह के विकास की बात होती है. वहां पर ना ही कोई आर्थिक आधार पर वोट होता है. वहां पर सिर्फ और सिर्फ धर्म देखकर ही वोट किया जाता है.

अपने इस भाषण में आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां-जहां हिंदू मेजॉरिटी में नहीं है वहां पर सेकुलरिज्म एक दिखावे के रूप में ही रह जाता है. प्रदीप भंडारी ने अपने भाषण में आगे बोलते हुए कहा कि मेरे सामने देश के अलग-अलग राज्यों की 15 ऐसी लोकसभा सीटें हैं. जहां पर माइनॉरिटी 95% से 50% के बीच में है.

और वहां पर सेकुलर पार्टियों ने एक ही जैसे नाम और धर्म का कैंडिडेट दिया था. वह 90% केस में मुस्लिम कैंडिडेट था और अगर आप इतिहास के कुछ आंकड़ों पर गौर करेंगे तो यहां पर सिर्फ मुस्लिम कैंडिडेट ही जीता है. अपनी बात में उन्होंने देश की डेमोग्राफिक पर भी ध्यान देते हुए कहा कि, डेमोग्राफिक चेंज भी देश के लिए एक बड़ा चैलेंज है.

प्रदीप भंडारी ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें यह तय करना चाहिए कि माइनॉरिटी की डेफिनेशन क्या है.

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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