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अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे क्या कोई है चीनी कनेक्शन? – पढ़िए प्रदीप भंडारी की दलील

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सोमवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने अडानी पर हिंडनबर्ग रिसर्च पर चीन की साजिश के एंगल से आज का मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, हिंडनबर्ग रिसर्च, 2017 में नाथन एंडरसन नाम का एक शख्स ने हिंडनबर्ग नाम से इस कंपनी की शुरुआत की। इस कंपनी का मुख्य का काम शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है। इस रिसर्च के जरिए हिंडनबर्ग कंपनी ये पता करती है कि शेयर बाजार में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा-फेरी हो रही है। बड़ी कंपनियां अपने लाभ के लिए अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो नहीं कर रही हैं। इस तरह की जानकारी जुटाने के बाद हिंडनबर्ग कंपनी एक विस्तार से रिपोर्ट पब्लिश करती है। कई बार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर दुनियाभर के शेयर मार्केट पर देखने को मिला है।

लेकिन बात यह है की इस कंपनी के बारे में किसी को नहीं पता, इसकी कोई भी जानकारी सार्वजनिक नही है, जैसे कितने लोग इस कंपनी में काम करते हैं, इस कंपनी का ऑफिस कहा है।

इस लिए सवाल ये उठता हैं की जब इस कंपनी के बारे में ही कुछ जानकारी नहीं है तो ऐसी कंपनी की रिपोर्ट पर भी कैसे भरोसा किया जा सकता है।

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, क्या यूएस में यह कंपनी ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए स्वतंत्र है नहीं। वहां इसकी इजाजत नहीं लेकिन भारत के लिए ऐसा हो सकता है। आज अडानी की कंपनी को लेकर सवाल किए जा रहे हैं लेकिन दूसरी कंपनी के जब निवेशकों का पैसा डूबता है तब सवाल नहीं उठता। हाल के दिनों में पोर्ट, सोलर पैनल, सेमी कंडक्टर इसको लेकर इस कंपनी ने सबसे अधिक किसके सामने चुनौती पेश की। इस रिपोर्ट के आने के बाद चीन को सबसे अधिक फायदा है। इसलिए इस पूरे मामले में चीन का हाथ है कि नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए।

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