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Same Sex Marriage पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक, प्रदीप भंडारी ने कही ये बड़ी बात

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्‍यता देने की याचिका कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुना दिया है। इस पीठ के 5 में से 4 जजों ने बारी-बारी से अपना फैसला सुनाया। सबसे पहले CJI डीवाय चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में समलैंगिकों को शादी का अधिकार देने की बात पर जोर दिया। इसके अलावा उन्‍होंने समलैंगिकों के साथ होने वाले भेदभाव को दूर करने को लेकर निर्देश भी जारी किये। वहीं इस फैसले को जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने ऐतिहासिक बताया।

उन्होंने फैसले पर बड़ी बात कही। प्रदीप भंडारी ने कहा:

5 जजों की बेंच के फैसले की मुख्य बातें

1. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कमेटी बनाने को कहा- पांचों जज इस पर सहमत हुए

2. गोद लेने का अधिकार समलैंगिक जोड़े को नहीं दिया जा सकता- 3:2 से हुआ फैसला

3. विवाह मौलिक अधिकार नहीं है। विशेष विवाह अधिनियम 1954 की धारा 4 की मुख्य चुनौती को असंवैधानिक नहीं माना गया। सभी न्यायाधीश इसपर सहमत हुए।

यह एक संतुलित प्रगतिशील मील का पत्थर साबित होने वाला निर्णय है। जो यह समझता है कि समलैंगिक विवाह के पक्ष में कोई भी कानून केवल विधायिका द्वारा ही लाया जा सकता है। यह सही दिशा में एक कदम आगे है क्योंकि यह LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों को मान्यता देता है और एक ऐसा ढांचा बनाता है जो सेक्सुअल ओरिएंटेशन के आधार पर कोई भेदभाव और कलंक सुनिश्चित नहीं करेगा।

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