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राम मंदिर न संन्यासियों का है, न शैव का, ये रामानंद संप्रदाय का है, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि राम मंदिर रामानंद संप्रदाय का है ना कि शैव शाक्त और संन्यासियों का है। राम मंदिर उद्घाटन में अब बस चंद दिन ही बचे हैं, इस बीच उद्घाटन को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं, इन चर्चाओं के बीच चंपत राय का यह बयान आया है।

चंपत राय ने बताया कि करीब 125 संत परंपराओं के महात्मा आएंगे और 13 अखाड़ों और सभी छह दर्शन के महापुरुष-धर्माचार्य आएंगे. इसके अलावा, देश में जितनी तरह की विधाएं हैं और खेल, न्याय, वैज्ञानिक, उनके अच्छे करीब 2,500 प्रमुख लोगों की लिस्ट तैयार की गई है और निमंत्रण भी भेज दिए गए हैं। वह कहां ठहरेंगे उसकी भी व्यवस्था कर ली गई है।

बताते चलें कि अयोध्या में रामलला की रामानंद संप्रदाय का पालन करते हुए पूजा की जाती है। रामलला के श्रंगार से लेकर उनका भोजन, स्नान, वस्त्र और देखभाल उसी तरह की जाती है, जैसे किसी बालक की जाती है। उन्हें हर दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं। अयोध्या रामजन्म भूमि है और यहां के सभी मंदिरों में इसी पद्धति का पालन किया जाता है।

कहा जाता है कि 14वीं सदी में मुगलकाल की आक्रांताओं के हमलों से हिंदू धर्म को बचाने के लिए एक मुहिम चलाई गई थी। स्वामी श्रीमद जगद्गुरु रामानंदाचार्य के धार्मिक प्रचार प्रसार से यह मुहिम चलाई गई। उन्होंने वैष्णव, शैव और शाक्त इन तीन धार्मिक परंपराओं में से वैष्णव शैली की पूजा परंपरा को प्रचार प्रसार के लिए चुना। इस शैली में भगवान श्रीराम और माता सीता को अपना आराध्य ईष्ट मानकर पूजा की जाती है। अयोध्या में इसी पद्धति का पालन किया जाता है।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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