पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों के साथ सांठगांठ के लिए हमेशा से पूरी दुनिया में बदनाम है इसीलिए पाकिस्तान की सरकार और उनकी सेना आतंकवादियों को पैसे हथियार से लेकर कर हर तरह की ट्रेनिंग देती आईं हैं।
हमारे देश की पाकिस्तान सीमा बॉर्डर पर जब भी सीजफायर का उल्लंघन होता है तब यही बात कही जाती है कि पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों को देश की सीमा में घुसाने के लिए सीजफायर का उल्लंघन कर रही है। ये बात पूरी तरह से सच भी है क्योंकि दुनिया की सबसे ज्यादा सक्रिय और खतरनाक मानी जाने वाली इंडिया-पाकिस्तान सीमा पर हज़ारो नही लाखो की तादाद में दोनों तरफ सेना की चौकसी बनी रहने के बाबजूद भी आतंकवादी बड़ी तादाद में घुसने में इसी लिए कामयाब हो जाते हैं क्योंकी दूसरी तरफ की सेना उन्हें रोकने के लिए नही बल्कि उन्हें घुसाने के लिए वहा तैनात की गई है।
क्या है पूरा मामला ?
तालिबानी प्रवक्ता एहसानउल्लाह ने 2017 में पाकिस्तानी सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था।
वहीं जनवरी 2019 में यह खबर आती है कि एहसानउल्लाह फ़ौज की गिरफ्त से भाग गया है।
जिसको वहां की मीडिया से लेकर आम जनता तक मानने से इंकार कर दिया था।
हाल में एहसान उल्लाह ने एक ऑडियो टेप जारी कर इसकी पुष्टि की है कि वह भागा नहीं था बल्कि सेना द्वारा भगाया गया था। सेना ने उसे भगाने से पहले कुछ लोगो के नामो की एक लिस्ट और मारने वाले लोगो की एक टुकड़ी(squard) बनाने की जिम्मेदारी देते हुए बोला कि गद्दारों के खिलाफ काम शुरू करना है।
कौन है एहसानउल्लाह ?
एहसानउल्लाह दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन में से एक तालिबान का प्रवक्ता है और इसी एहसान उल्लाह के कहने पर 2014 में मलाला यूसुफजई पर गोली चलाई गई थी।
सेना किसको चाहती है मरवाना ?
पाकिस्तान सेना ने लिस्ट में खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के पश्तून लोगों के साथ-साथ कुछ पत्रकारों के नाम भी दिए थे, जो सेना और सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठाते आए हैं। सेना द्वारा मिले हिट लिस्ट में उन चुनिंदा पत्रकारों की पूरी जानकारी है जिन्हें उसे निशाना बनाने के लिए एक टुकड़ी बनाने को कहा गया था।
कल यानी 12 अगस्त को करीबन 30 महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया कॉल पर मिलने वाली धमकियों का जिक्र किया साथ ही यह भी बताया कि कुछ धमकियां बहुत ही खतरनाक थी उन्होंने आगे बताया कि ऐसी कई पत्रकार हैं जो इस बात का सबके सामने जिक्र तक नही कर सकते।