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क्यों भारत को मजबूत करने चाहिए ताइवान से रिश्ते, प्रदीप भंडारी की राय

 

सुबह खबर आई कि भारतीय सेना के 2 जवान लद्दाख बॉर्डर पर चाइना की सेना के साथ हिंसात्मक संघर्ष में शहीद हो गए। हालांकि AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक 3 से 4 चाइना के भी लोग मारे गए हैं। तो वहीं पर चाइना ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना पहले चाइना के बॉर्डर में घुसी। लेकिन इस वक्त पिछले 2 महीनों से भारतीय और चीन सेना में संघर्ष चल रहा है। लगातार देश के रक्षा मंत्री बैठक कर रहे हैं तो वहीं पर आर्मी ने इस पूरे मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। आपको बता दें कि चाइना लगातार भारत द्वारा अपनी सीमा में किए गए निर्माण कार्य का विरोध कर रहा है जिसके कारण चाइना लगातार भारतीय सैनिकों से उलझ रहा है। वहीं पर चाइना की शह पर नेपाल भी भारत से लगातार अपने संबंध खराब कर रहा है। कल रक्षा मंत्री ने एक जनसंवाद रैली में कहा कि नेपाल से भारत का रोटी बेटी का रिश्ता है ,जल्द ही नेपाल से रिश्ते सुधरेंगे।

प्रदीप भंडारी की राय

आपको बता दें कि इस पूरे मुद्दे पर जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने भी अपनी राय रखी। प्रदीप भंडारी ने कहा कि भारत को अब ताइवान के साथ अपने रिश्ते और प्रगाढ़ करने चाहिए। भारत को ताइवान के साथ डिफेंस ,इकोनोमिक औ सामाजिक रिश्ते भी काफी मजबूत करने चाहिए। क्योंकि जब चाइना हमारे ऐतिहासिक मित्र नेपाल का सहारा ले सकता है और उनको भड़का सकता है। आतंकियों का आयात करने वाले पाकिस्तान को सपोर्ट कर सकता है। तो हम आखिर में कब तक वन चाइना पॉलिसी का सपोर्ट करेंगे। भारत को भी कड़े कदम उठाने चाहिए।

नहीं चलेगा एक देश दो व्यवस्था

आपको बता दें कि इस वक्त चीन और ताइवान के भी रिश्ते सही नहीं है. चीन चाहता है कि ताइवान में एक देश दो व्यवस्था वाला नियम लागू हो जैसे कि हांगकांग में है। लेकिन ताइवान की राष्ट्रपति ने दो टूक बोल दिया कि हम चीन की एक देश और दो व्यवस्था वाला नियम स्वीकार नहीं करेंगे। क्योंकि इससे ताइवान का महत्व बदल जाएगा और चीन और ताइवान के रिश्तो की स्थिति बदल जाएगी। ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन की राष्ट्रपति से अपील की मिल बैठ कर बात करें ताकि मतभेद और मनमुटाव कम हो।

आपको बता दें कि चीन मानता है कि ताइवान उसका क्षेत्र है और हांगकांग की तर्ज पर वह उस पर शासन करें। चीन तो यहां तक चाहता है कि अगर जरूरत पड़ी तो जोर आजमाइश से भी ताइवान पर कब्जा जमाया जाएगा। लेकिन ताइवान के मजबूत इरादों के आगे हर बार उसको मुंह की खानी पड़ रही है।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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