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चीन की महत्वकांक्षी योजना वन बेल्ट वन रोड (OBOR) प्रॉजेक्ट का विरोध बढ़ा

चीन की महत्वकांक्षी योजना वन बेल्ट वन रोड (OBOR) प्रोजेक्ट का अब दुनिया के कई देश विरोध करने लगे हैं। आपको बता दें कि एक रिपोर्ट आई है जिसमें दर्शाया गया है कि चीन के प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड (OBOR) के कारण 33 बार दुनिया के अन्य देशों को दिक्कतें आई। बता दें कि वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट 2013 में लांच हुआ था और दुनिया के कई देशों ने इसको लेकर सहमति जताई थी। हालांकि अब दुनिया के कई देशों को एहसास हो गया है कि इस प्रोजेक्ट से उनको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। अब तक ऐसे 33 मौके आए हैं जब इस प्रोजेक्ट के कारण दुनिया के कई देशों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार यह भी माना गया है की चाइना के इस प्रोजेक्ट के कारण ईरान और इटली में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैला। ईरान को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद काफी नुकसान का सामना करना पड़ा और अमेरिका की ट्रंप सरकार ने उनके ऊपर कई प्रतिबंध लगाएं।

 

यहां तक की बेल्ट रोड इनीशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट में पाकिस्तान को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। द काबुल टाइम्स के अनुसार 122 में महज 32 प्रोजेक्ट अप्रैल 2020 तक पूरे हुए। यही नहीं पाकिस्तान की एक अंदरूनी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सीपीईसी (CPEC) पावर सेक्टर में चाइना की ओर से भ्रष्टाचार भी किया गया है। वहीं पर अगस्त 2020 टाइम नाऊ की एक रिपोर्ट के अनुसार 21 जुलाई को ML -1 कराची पेशावर प्रोजेक्ट (CPEC) के दौरान चाइना के वर्कर्स ने पाकिस्तानी आर्मी के लोगों को प्रताड़ित किया। यही नहीं बलूचिस्तान के प्रदर्शनकारियों ने भी CPEC का विरोध किया है और इस पर रोक लगाने की मांग की है।

यही नहीं अगस्त 2020 में एक रिपोर्ट लीक हुई थी जिसके अनुसार चाइना ने पाकिस्तान से स्पेशल सिक्योरिटी डिवीजन (SSD) की मांग की। ताकि चाइना के कांट्रेक्टर और लेबर्स को सीपीईसी प्रोजेक्ट के दौरान सुरक्षा प्रदान की जा सके।

 

श्रीलंकाई सुप्रीम कोर्ट ने एक विधेयक में विसंगतियां पाईं जिसमे चीन द्वारा 1.4 बिलियन अमरीकी डालर के पोर्ट सिटी के लिए इन्वेस्टमेंट पर चिंता जताते हुए कहा कि नए प्रावधान निर्वाचित निकायों की भूमिका को कम और सीमित कर देंगे। इसलिए कोर्ट ने इसके लिए विशेष शासन प्रदान करने को कहा।

 

इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने चाइना के साथ बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) कॉन्ट्रैक्ट से पहले ही हटने का फैसला कर लिया था और ऑस्ट्रेलिया कोरोना को लेकर चीन पर काफी आक्रामक भी है।

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