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कांग्रेस में अंदरुनी कलह, एक ने कहा सिद्धू पार्टी के लिए जरुरी नहीं तो दूसरा बोला कैप्टन थे तानाशाही

तोषी, जन की बात

पंजाब में राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद एक के बाद एक पंजाब कांग्रेस में इस्तीफों की छड़ी लग गई है। इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसकी मूल वजह नवजोत सिंह सिद्धू ही थे। पंजाब में चल रहे सियासी उठापटक को लेकर जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने शुरु किया जनता का मुकदमा। इस दौरान आम आदमी के वकील प्रदीप भंडारी ने पंजाब के मतदाताओं के हक का मुकदमा लड़ते हुए कांग्रेस पर दागे कई सवाल। आज के कार्यक्रम में प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू को आम जनता के कटघरे में खड़ा किया। इस दौरान प्रदीप भंडारी ने दलील पेश करते हुए कहा कि पंजाब के लोगो को कुर्सी के सर्कस में बेवकूफ बनाना बंद करे कांग्रेस।

आपको बताते चलें कि जनता का मुकदमा का डिबेट में भाजपा की तरफ से आर पी सिंह, राजनीतिक विशेषज्ञ राहुल लाल, मंजिंदर सिंह सिरसा और कांग्रेस की प्रवक्ता अमृत गिल आदि पैनलिस्ट शामिल रहे। वही दूसरी और नवजोत सिंह सिद्धू के सर्मथक राणा बलजीत चहल और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सर्मथक सुखबिंदर सिंह काका भी शामिल थे। प्रदीप भंडारी ने अमरिंदर सिंह के सर्मथक सुखबिंदर सिंह काका ने सवाल करते हुए कहा कि आप ऐसा कहते है कि सिद्धू के जुड़ने या हटने से फर्क नहीं पड़ता है लेकिन आपके कई विधायक है जो सिद्धू के इस्तीफे के बाद से पार्टी मीटिंग में नहीं आ रहे है। और आप कहते है कि सिद्धू से पार्टी में कोई फर्क नहीं पड़ता है तो राज्य के मुख्यमंत्री का इस्तीफा कैसे हो सकता है जिसकी मूल वजह ही नवजोत सिंह सिद्धू थे। इसके जवाब में अमरिंदर सिंह के सर्मथक कहते है कि नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से अमरिंदर सिंह को पार्टी से नहीं निकाला गया है और दूसरी बात राहुल गांधी ने बड़े विश्वास के साथ नवजोत सिंह को कुर्सी पर बैठाया था तो इनको ऐसा नहीं करना चाहिए था। बहुत कम वक्त में नवजोत सिंह को जो देना था वो सब दिया पार्टी ने। इससे बड़ी कुर्सी क्या दे जिससे सिद्धू खुश हो जाते। अंदरुनी बाते तो चलती है लेकिन ऐसे ही उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए था।

वही दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू के सर्मथक राणा बलजीत चहल से सवाल करते हुए प्रदीप भंडारी ने कहा अमरिंदर सिंह के सर्मथक कह रहे है कि नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी के लिए जरुरी ही वहीं है इसपर बलजीत चहल ने कहा कि सिद्धू साहब पार्टी के लिए बहुत जरुरी है। वो पार्टी के अध्यक्ष थे और उनके आने के बाद ही पार्टी में जान आई है। 2022 के चुनाव को लड़ने और जीतने के लिए जज्बा आया है। चहल कहते है कि मैं लगभग 25 सालों से पीसीसी और यूथ कांग्रेस से जुड़ा हूं। मैनें पार्टी में प्रधान से लेकर सबके साथ काम किया है लेकिन मैं आपको बताउं कि बीते चार से साढ़े चार साल में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिस भी प्रेसिडेंट को रखा उसे रबड़ स्टैंप बना कर रखा। जो आज नरेंद्र मोदी केंद्र में कर रहा है वहीं कैप्टन साहब ने किया, तानाशाही की है उन्होंने।

आपको बताते चलें कि डिबेट में शामिल दोनों पैनलिस्ट कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे जो एक नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का अहम हिस्सा ही नहीं मानते वही सिद्धू के सर्मथक मानते है कि अमरिंदर सिंह एक तानाशाही मुख्यमंत्री थे। यानि की पार्टी में कलह सिर्फ कैप्टन और सिद्धू के बीच नहीं बल्कि सर्मथकों के बीच भी साफ दिखाई दे रही है। जिसका सीधा असर आने वाले चुनाव में कांग्रेस को देखने को मिल सकता है।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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