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ड्रग्स के खिलाफ प्रदीप भंडारी का मुकदमा, पढ़िए उनकी दलील

अनु प्रिया, जन की बात
आज जनता का मुकदमा शो पर प्रदीप भंडारी ने एक ऐसे मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई जो हमारे समाज को पूरी तरह से खोखला कर रहा है। ये मुद्दा कोई और नहीं बल्कि ड्रग्स का है जो हमारे समाज के युवा को नष्ट कर रहा। कल ड्रग्स मामले में फसे सारे आरोपियों को बेल मिल गई, जो की मिलनी ही थी। लेकिन सवाल ये हैं की क्या ड्रग्स को लेकर हम अपने समाज में कोई सुधार कर पाए?

इसी मुद्दे को लेकर प्रदीप भंडारी ने कल शो के दौरान अपनी दलील में क्या कहा पढ़िए

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्यन खान, मुनमुन धमेचा, अरबाज मर्चेंट को जमानत दे दी, जो आज नहीं तो कल होना ही था। देश की सबसे बड़ी कानूनी टीम मुकुल रहौतगी, सतीश मानशिंदे आर्यन खान के बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य वकील थे, और उन्होंने आर्यन खान को जमानत दिलवाई।

अभी बेल की शर्तें बाकी है, विस्तृत आदेश कल आएगा। पर एक अलग तरीक़े का सेलिब्रेशन शाहरुख लॉबी, और पीआर टीम में हो चुका है की हमें न्याय मिला है।फैक्ट्स की बात करते हैं- आर्यन को बेल मिली है, उसे मासूम नहीं घोषित किया है, इन्वेस्टिगेशन चालू है, समीर वानखेड़े ही इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं.जमानत तो एक समय के बाद हमारी कोर्ट प्रणाली देती ही है।

दूसरा तथ्य, कोर्ट को दी दलील में अमित देसाई ने नशा गांजा चरस का सेवन कबूला है, पहले दिन में मुकुल रहौतगी ने नशा मुक्त केंद्र में डालने की बात की थी। आज एनसीबी के वकील एसजी अनिल सिंह ने कहा, “कम से कम 2 अक्टूबर को तो नशा नहीं करना था”

मुझे नहीं लगता की कोई भी देश के माता पिता नशे के खिलाफ़ मुहीम का विरोध कर सकते है। मैं आपसे पूछता हुं, अपने गिरेबान में झाकिए आप भी नशा गांजा चरस का समर्थन नहीं करते होंगे। बड़ी सोसाइटी मैं कुछ के लिए ये कूल फैक्टर हो सकता है लेकिन देश की आम जनता के लिए नहीं।

तो एनसीबी जो नशामुक्त भारत के लिए काम कर रही है, जिसमें समीर वानखेड़े एक अधिकारी हैं जिन्होंने अब तक 93 मामलों की जांच की है.ये वही ऑफिसर है जिसने अप्रैल 2021 मैं एनसीबी की एक टीम का नेतृत्व किया था जिसने दाऊद के करीबी चिंकू पठान के लिए काम कर रहे ड्रग किंग डेनिश चिकन को पकाड़ा था।

तो दोस्तो एजेंसी ने, पेडलर्स को पकड़ा हुआ है, कंज्यूमर को पकड़ा हुआ है, और इनपर ड्रग पेडलर्स ने अटैक भी किया है पहला अटैक नवंबर 2020 मैं गोरेगांव के ऑपरेशन में हुआ था, और अब इन पर राजनैतिक हमले हो रहे है। कैबिनेट मंत्री इनके पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं। जाति, धर्म, निजी जिंदगी सब पर हमला।

24 अक्टूबर को अमित घाटा जो एनसीबी बेंगलुरू के क्षेत्रीय निदेशक है उन्होन एक ऑपरेशन मैं 3 किलो ड्रग्स पकड़ा। ये ड्रग लहंगे के अंदर छिपाकर ऑस्ट्रेलिया भेजा जा रहा था। तब तो कर्नाटक के किसी नेता ने व्यक्तिगत हमला नहीं किया?

आज समीर वानखेड़े ने हाई कोर्ट में कहा की अटैक उनकी टीम को हतोत्साहित करने के लिए है।
दोस्तो, ये नहीं होना चाहिए मेरी मुहीम पहले दिन से यही रही है नशा मुक्त भारत और आज पूरा देश इस मुहीम का साथ दे रहा है।

जनता का मुकदमा के आज के एपिसोड का हैशटैग #IndiaAgainstDrugs था जोकि शो शुरू होने के कुछ ही मिनटों के बाद KOO और ट्वीटर पर ट्रेंड होने लगा इसी के साथ प्रदीप भंडारी के शो जनता का मुकदमा को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी दर्शकों का बखूबी प्यार मिल रहा है।

यूट्यूब के साथ-साथ डेलीहंट एप पर भी जनता का मुकदमा के प्रत्येक एपिसोड को 7 करोड़ से ज्यादा लोग देखते हैं। प्रदीप भंडारी की पूरी दलील आप नीचे दिए गए लिंक पर जाकर देख सकते हैं और आप ट्विटर पर जाकर इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया @jankibaat1 को टैग करके दे सकते हैं।

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