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तो इस वजह से सीबीआई मनीष सिसोदिया के घर कर रही है छापेमारी, जानें क्या है दिल्ली सरकार की शराब नीति

दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में सीबीआई  दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के कई ठिकानों पर तलाशी ले रही है। सिसोदिया के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। सीबीआई की टीम सुबह-सुबह मनीष सिसोदिया के आवास पर भी पहुंची और वहां तलाशी ले रही है। CBI ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास सहित दिल्ली-एनसीआर में 21 स्थानों पर छापे मारे

एक्‍साइज पॉलिसी की CBI जांच, जानें 

दिल्ली सरकार ने पिछले साल ही अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। उपराज्यपाल ने जिस रिपोर्ट को आधार बनाया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई, जिससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि एक्साइज पालिसी लागू करते हुए कई प्रक्रियाओं का भी पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। राजनिवास सूत्रों का कहना है कि इन सभी गड़बड़ियों को देखते हुए ही सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला लिया गया।

एलजी ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में सरकार पर नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने के लिए वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति के उल्लंघन का आरोप है। दावा है कि शराब बेचने का लाइसेंस हासिल करने वालों को टेंडर जारी होने के बाद भी बड़े पैमाने पर गैरवाजिब लाभ पहुंचाने का काम किया गया, जिससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। रिपोर्ट में एक्साइज विभाग के शराब विक्रेताओं की 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ किए जाने पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं।

दिल्लीलाइसेंस फीस में कोई बढ़ोतरी किए बिना लाइसेंसधारकों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए एल-7-जेड और एल-1 लाइसेंसधारकों का ऑपरेशनल पीरियड पहले 1 अप्रैल 2022 से बढ़ाकर 31 मई 2022 तक किया गया और फिर इसे 1 जून 2022 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 तक कर दिया गया। इसके लिए सक्षम अथॉरिटी यानी कैबिनेट और एलजी से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई।

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