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PM मोदी के कार्यकाल के 9 साल पूरे, जानें 9 बड़े फैसले जिसने बदली देश की तस्वीर  

केंद्र में पीएम मोदी ने नेतृत्व में एनडीए सरकार के 9 साल पूरे हो गए हैं. इन 9 वर्षों में सरकार ने कई ऐसे मुकाम हासिल किए जिससे आज हमारे देश की तस्वीर ही बदल गई है. मोदी सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल कई बड़े फैसले किए. इन फैसलों से उनकी सरकार की छवि मजबूत बनाई. 2014 में सता में आने के बाद सरकार ने नियमित अंतराल पर साफ संदेश दिया कि वह किसी भी तरह के फैसले लेने में नहीं हिचकेगी.

आइए जानते हैं मोदी सरकार के 9 सालों में क्या कुछ बदला…

1) डिमोनेटाइजेशन 

काला धन, भ्रष्टाचार और नकली करेंसी पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी की. 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे से अचानक से पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान कर दिया. इसके बाद से 500 और 1000 के पुराने नोट बंद हो गए. पूरे देश में हाहाकार मच गया. इसको लेकर मोदी सरकार ने जमकर आलोचना भी हुई. मगर इसका आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा असर पड़ा. नोटबंदी ने चुनाव अभियानों में अहम भूमिका निभाई.

2) आर्टिकल 370 

मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था. पिछले कई वर्षों से धारा-370 को जम्मू-कश्मीर से हटाने की बात चल रही थी पर कांग्रेस सरकार इसे नहीं कर पाई. सत्ता में आने के पांच साल बाद ही मोदी सरकार ने इस धारा को हटाकर बड़ा काम किया. यह एक बड़ा निर्णय साबित हुआ. इसके बाद जम्मू-कश्मीर में काफी बदलाव देखे गए. इसका चुनाव पर काफी बड़ा असर पड़ा. हर चुनावी भाषण इसका जिक्र जरूर आता था.

3) उज्ज्वला योजना

मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत साल 2016 में की थी. इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है. इसे महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की उपलब्धता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरण के रूप में रेखांकित किया गया है.

4) तीन तलाक कानून

मोदी सरकार 2.0 के सबसे अहम फैसलों में तीन तलाक को आपराधिक कृत्य घोषित करना है. संसद में तीन तलाक विधेयक को पारित करवाकर सरकार ने तीन तलाक की शिकार महिलाओं को बड़ी राहत दी. तीन तलाक कानून को मुस्लिम महिला (विवाहों पर अधिकारों का संरक्षण ) अधिनियम, 2019 कहा जाता है. तीन तलाक विधेयक को एक अगस्त 2019 को संसद में पारित कराया गया. तीन तलाक को तलाक-ए-बिद्दत भी कहा जाता है. इसमें मुस्लिम पुरुष अपनी बीवी को तीन बार तलाक बोलकर तलाक दे सकता था. उसको तलाक देने की वजह भी नहीं बतानी पड़ती. तीन तलाक कानून को लागू करने का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने और इस प्रथा पर रोक लगाना था.

5) सर्जिकल स्ट्राइक

पीएम मोदी के सबसे बड़े फैसलों में सर्जिकल स्ट्राइक को शामिल करना जरूरी है. भारत सरकार ने 29 सितंबर 2016 को घोषणा की कि उसने पीओके में नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादी लॉन्चपैड को नष्ट कर दिया और बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए. भारत ने उरी हमले का बदला लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी. उरी हमले में 18 जवान बलिदान हो गए थे. सर्जिकल स्ट्राइक को उरी हमले के 10 दिन के अंदर अंजाम दिया गया.

6) नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)

नागरिकता संशोधन अधिनियम को 2019 में संसद में पास किया गया था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध) को भारत की नागरिकता देना है. यह कानून राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया. अल्पसंख्यकों में मुसलमानों को न शामिल करने को लेकर देशभर में आंदोलन शुरू हो गया. शाहीन बाग आंदोलन का मुख्य केंद्र रहा.

7) GST

प्रधानमंत्री मोदी ने 30 जून और 1 जुलाई की मध्य रात्रि को संसद के सेंट्रल हाल में एक समारोह में GST लॉन्च करने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने 1 जुलाई 2017 से देशभर में जीएसटी लागू कर दिया. इस व्यवस्था के बाद पूरे देश में ‘एक देश-एक मार्केट-एक टैक्स’ का विचार मूर्त रूप में आ गया. GST लागू होने से सर्विस टैक्स, वैट, क्रय कर, एक्साइज ड्यूटी सहित अन्य टैक्स हमेशा के लिए खत्म हो गए.

8) डिजिटल इंडिया

मोदी सरकार के आने के बाद भारत में डिजिटल इंडिया की मुहिम शुरू हुई. नए दौर की जरूरतों को देखते हुए भारत में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया गया. मोदी सरकार की इसी मुहिम का असर है कि भारत ने डिजिटल पेमेंट में दुनिया के देशों को पछाड़ दिया है. भारत में UPI जैसा इनोवेटिव टूल बनने के बाद से देश में इतनी तेजी से डिजिटल लेन-देन किए गए हैं, जो काम दुनिया के अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे विकसित देश नहीं कर पाए वो भारत ने कर दिखाया. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2022 में डिजिटल लेनदेन की राशि 1.5 ट्रिलियन (1, 21, 753 अरब रुपये ) वार्षिक आधार थी.

9) शिक्षा नीति

मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और आज की जरूरतों को देखते हुए शिक्षा नीति में बदलाव किया. सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 29 जुलाई 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इस नीति में शिक्षा की पहुंच, समता, गुणवत्ता, वहनीयता और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है.

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