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अधीनम संतों से मिले पीएम मोदी, बोले- सेंगोल को बताया गया छड़ी, आजादी के बाद नहीं दिया गया उचित सम्मान

कल प्रधानमंत्री मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान नए परिसर में सेंगोल को स्‍थापित किया जाएगा। इसे स्‍थापित करने से पहले सेंगोल स्‍वीकारते हुए पीएम ने अधिनम महंतों का आशीर्वाद लिया। तमिलनाडु के संतों के बीच उन्‍होंने इसके महत्‍व को बताया।

इस दौरान पीएम मोदी ने सेंगोल के जरिये कांग्रेस का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जि‍म्मेदारी है। वह कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा। अच्‍छा होता कि आजादी के बाद इसे पवित्र सेंगोल को पर्याप्‍त स्‍थान दिया जाता। लेकिन, उस सेंगोल को प्रयागराज में वॉकिंग स्टिक बताकर म्‍यूजियम में देखने के लिए रख दिया गया था।

पीएम मोदी ने कहा की, आज आजादी के उस प्रथम पल को ‘नए संसद भवन’ में सेंगोल की स्थापना के समय हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है। लोकतंत्र के मंदिर में आज सेंगोल को उचित स्थान मिल रहा है।

मुझे खुशी है कि अब भारत की महान परंपरा के प्रतीक सेंगोल को ‘नए संसद भवन’ में स्थापित किया जाएगा। ये हमें याद दिलाता रहेगा कि हमें कर्तव्य पथ पर चलना है, जनता-जनार्दन के प्रति जवाबदेह बने रहना है।

उन्होंने कहा, हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वो महत्व नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था। अब भाजपा ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है। मोदी ने कहा, तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था, सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा।

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