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सुप्रीम कोर्ट ने दिया ममता सरकार को झटका, पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती बरकरार

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों में दखल देने से इनकार किया। इस फैसले से ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग को झटका लगा है। हाईकोर्ट के केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ अर्जी खारिज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो, क्योंकि राज्य एक ही दिन में सभी सीटों पर चुनाव करा रहा है। इन परिस्थितियों में हम पाते हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने सोचा होगा कि अन्य पड़ोसी राज्यों से बल मांगने की बजाय केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करना बेहतर होगा। साथ ही इसका खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शीर्ष कोर्ट ने आगे कहा कि चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता है।

जस्टिस नागरत्ना ने पूछा कि अभी वहां ग्राउंड सिचुएशन क्या है? सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि 8 जुलाई को चुनाव होना है। आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है। राज्य भर में 189 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि हम सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने पूछा कि जहां से बल आते हैं वह राज्य चुनाव आयोग की चिंता नहीं है फिर याचिका कैसे विचारणीय है? मामले में एक प्रतिवादी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का कहना है कि राज्य में समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि एजेंडा तैनाती की वास्तविक चिंता नहीं है, लेकिन एजेंडा यह है कि केंद्रीय बलों को मत बुलाओ।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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