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समीर वानखेड़े मामले में बंबई हाईकोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, कहा – ‘लुका-छिपी का खेल बंद करें, केस डायरी दिखाएं’, 

बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कार्डेलिया क्रूज जहाज ड्रग्स मामले में सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने एजेंसी से पूछा कि इस मामले में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश क्यों रद्द किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति एस जी डिगे की खंडपीठ ने वानखेड़े के खिलाफ जांच से संबंधित मामले में सीबीआई से अपनी केस डायरी जमा करने को कहा।

अदालत ने सीबीआई से यह भी सवाल किया कि क्या वह समीर वानखेड़े को गिरफ्तार करने जा रही है। सुनवाई के दौरान पीठ ने सीबीआई से पूछा, ”अगर आप गिरफ्तार करने जा रहे हैं तो हमें बताने से क्यों कतरा रहे हैं? लुका-छिपी का खेल मत खेलें…”

पीठ ने कहा कि एक बार धारा 41ए के तहत नोटिस दिए जाने का मतलब है कि एजेंसी का गिरफ्तारी करने का कोई इरादा नहीं है। “आप (सीबीआई) कैसे अनुमान लगा सकते हैं? क्या एजेंसी इस नतीजे पर पहुंच गई है कि गिरफ्तारी जरूरी है?” जस्टिस गडकरी ने पूछा।

पीठ ने कहा कि सीबीआई की दलीलें अदालत के मन में गंभीर संदेह पैदा कर रही हैं। इसने एजेंसी को जांच में प्रगति दिखाने के लिए सुनवाई की अगली तारीख – 28 जून – को अपनी केस डायरी पेश करने का भी निर्देश दिया। सीबीआई ने अदालत द्वारा पारित पहले के आदेश को रद्द करने की मांग की थी जिसमें निर्देश दिया गया था कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल निदेशक वानखेड़े के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

अदालत ने आगे कहा, “एक बार 41ए नोटिस जारी होने के बाद गिरफ्तारी का सवाल ही कहां रह जाता है? क्या 41ए नोटिस सिर्फ एक दिखावा है,” एचसी ने पूछा, उन्होंने जोर देकर कहा कि सीबीआई को खुले तौर पर कहना होगा कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंच गई है कि वानखड़े की गिरफ्तारी आवश्यक है। पाटिल ने कहा कि आज तक, सीबीआई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।

इस बीच निलेश ओझा नाम के एक वकील ने मामले में हस्तक्षेप की अनुमति देने की मांग करते हुए अदालत से अनुरोध किया कि सीबीआई को मामले में शाहरूख खान, आर्यन खान और अभिनेता (खान) की मैनेजर पूजा ददलानी से पूछताछ करनी चाहिए।

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