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भारतीय लोकतंत्र में महिलाएं सिर्फ वोटर नहीं बल्कि स्टेकहोल्डर हैं, लंदन में प्रदीप भंडारी ने कहा

प्रदीप भंडारी ने लंदन में भारतीय महिला मतदाताओं की शक्ति पर प्रकाश डाला। फ्रेंड्स ऑफ इंडियन सोसाइटी इंटरनेशनल (FISI) (यूके) द्वारा हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में, “Depth Of Indian Democracy” पर जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने महिलाओं की असाधारण ताकत पर प्रकाश डाला। भारतीय लोकतंत्र के कई दिलचस्प पहलुओं पर चर्चा के बीच प्रदीप भंडारी द्वारा उठाया गया एक मुख्य आकर्षण भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली में महिलाओं की आवाज़ का बढ़ता प्रभाव था।

प्रदीप भंडारी ने इन शक्तिशाली अंतर्दृष्टि के साथ महिला मतदाताओं की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। पढ़िए उनकी बातचीत के प्रमुख अंश:

1. भारत में महिला मतदाता केवल भागीदारी से आगे बढ़ चुकी हैं। वे देश की नियति को आकार देने में सक्रिय हितधारक बन गई हैं। उनकी पसंद केवल व्यक्तियों से नहीं, बल्कि मुद्दों से प्रेरित होती है।

2. भारतीय महिलाएं अब पितृसत्तात्मक धारणाओं से प्रभावित नहीं हैं। वे बदलाव की एजेंट हैं, जो उम्मीदवार के काम पर ध्यान केंद्रित करती हैं, न कि उनके लिंग पर।

3. भारतीय संसद में समावेशिता महिलाओं के बढ़ते प्रभाव का प्रतिबिंब है। यह अब ‘पुरुषों की दुनिया’ नहीं है। यह एक ऐसी दुनिया है जहां महिलाएं सीमाओं को पार कर रही हैं।

4. महिला मतदाता भारतीय राजनीति में जवाबदेही की संरक्षक हैं। वे प्रदर्शन को पुरस्कृत करती हैं और कार्रवाई की मांग करती हैं, जो हमारे लोकतंत्र में एक बुनियादी बदलाव है।

इस ज्ञानवर्धक बातचीत ने भारतीय-ब्रिटिश दर्शकों को भारत की लोकतांत्रिक ताकत की याद दिला दी, जो दुनिया के सीखने के लिए एक जीवंत उदाहरण है।

यह कार्यक्रम यूके में भारतीय प्रवासियों का एक जमावड़ा था, जिसमें प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और FISI कार्यकारी सदस्यों द्वारा कुशलतापूर्वक मार्गदर्शन किया गया। यह भारतीय लोकतंत्र की स्थायी भावना और इसके भविष्य को आकार देने में महिला मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका का एक प्रमाण था। प्रदीप भंडारी का अपनी शक्ति पर जोर देना बातचीत का एक उल्लेखनीय आकर्षण था और भारतीय राजनीति के उभरते चेहरे की याद दिलाता है।

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