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मंदी के दौर में रिलायंस के बाद फ्लिपकार्ट में भी हुआ बड़ा निवेश 

रिलायंस जिओ में लगातार कई कंपनियों द्वारा करोड़ों के निवेश के बाद फ्लिपकार्ट में भी बहुत दिनों के बाद इतना बड़ा निवेश हुआ है।

सचिन बंसल और बिन्नी बंसल द्वारा 2007 में शुरू की गई कंपनी फ्लिपकार्ट, जिसमें वे ऑनलाइन बुक बेचा करते थे, वही आज अरबों रुपए की कंपनी बन चुकी है।

अमेज़ॉन में काम करने के बाद अमेजॉन को भारत में टक्कर देने वाली कंपनी को खड़ा करने का सफर ज्यादा लंबा नहीं था। कुछ ही सालों में फ्लिपकार्ट ने देश के एक बड़े उपभोक्ताओं तक अपनी पकड़ बनाने में सफलता हासिल कर ली थी।

2013 के बाद एक समय ऐसा भी आया था जब फ्लिपकार्ट ने अमेजॉन को पछाड़ते हुए देश की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनी का तबका हासिल कर लिया था।

2007 में बिन्नी बंसल और सचिन बंसल द्वारा चार लाख के निवेश के साथ खड़ी की गई थी। उसी फ्लिपकार्ट कंपनी में 2013 तक 4000 करोड़ से ज्यादा का निवेश अलग-अलग कंपनियों ने कर दिया था।

2017 में जहां चीनी कंपनी tencent ने निवेश करते हुए फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी बधाई।  तो वहीं 2018 आते ही इस तरह के मार्केट में किए हुए किसी भी निवेश से ज्यादा, अमेरिका की कंपनी Wallmart ने 16 अरब डॉलर के निवेश करते हुए 77% की हिस्सेदारी के साथ कंपनी का मालिकाना हक़ ले लिया।

फ्लिपकार्ट में निवेश 

किसने किया है फ्लिपकार्ट में इस बार निवेश ?

पूरे देश में मार्च महीने के बाद लॉकडाउन लगने की वजह से लोगों की खरीदारी करने के तरीकों में भी काफी बदलाव आया है। इस वजह से फ्लिपकार्ट  के उपभोक्ताओं में 45% की वृद्धि देखी गई गई है।

ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते हुए बाजार की वजह से रिलायंस जिओ और उसके ई-कॉमर्स जिओ मार्ट के आने वाले भविष्य की देखते हुए काफी ज्यादा हाल के दिनों में निवेश मिलने में सफलता हासिल हुई है।

लॉकडाउन के दौरान खरीदारी के बदले हुए तरीकों की वजह से ही अमेजॉन जैसी दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को भी काफी मुनाफा हुआ है।

इन्हीं सब कारणों की वजह से फ्लिपकार्ट ने भी दुनिया के निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफलता हासिल की है। अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट जो इसकी सबसे बड़ी निवेशक है उसने इस बार भी 77% की हिस्सेदारी को बढ़ाते हुए एक बड़ा निवेश किया है।

वालमार्ट और बाकी कंपनियों ने मिल कर लगभग 1.2 अरब डॉलर यानी 9000 करोड़ का निवेश किया है। वालमार्ट इस निवेश का सबसे बड़ा हिस्सेदार है। इस निवेश के साथ ही फ्लिपकार्ट में कुल 24.9 अरब डालर का निवेश हो चुका है।

इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि वालमार्ट के पास फ्लिपकार्ट की 80% से ज्यादा हिस्सेदारी आ चुकी है। वहीं बाकी बचे हुए हिस्से में चीनी कंपनी Tencent, टाइगर ग्लोबल, बिन्नी बंसल और माइक्रोसॉफ्ट की हिस्सेदारी है।

इस तरह के निवेश से यही लगता है कि आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स के मार्किट में और तेजी देखने को मिलने वाली है।

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