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क्या है संविधान की दसवीं अनुसूची, जिसके आधार पर कांग्रेस बनाम कांग्रेस चल रहा है?

 

राजस्थान की सियासी लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। सचिन पायलट अब इस लड़ाई को कोर्ट में लड़ रहे हैं। इसके बाद से ही राजस्थान में बीजेपी के अंदर भी सब कुछ शांत नहीं है। कल ही भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान में प्रमुख सहयोगी और सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर निशाना साधा था। हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट किया था कि गहलोत की कुर्सी वसुंधरा राजे बचा रही हैं। वसुंधरा राजे ने खुद ही कांग्रेस के विधायकों को फोन कर उन्हें गहलोत के साथ रहने के लिए कहा था। आपको बता दें कि इससे राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।लोग ऐसा भी मान रहे है कि वसुंधरा राजे अपनी राजनीति के लिए ऐसा कर रही है। इसके साथ ही पायलट लगातार अपनी लड़ाई कोर्ट में लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस दिया है और उनसे जवाब मांगा गया है। लेकिन यह नोटिस जिस आधार पर दिया गया है वह संविधान की दसवीं अनुसूची। आइए जानते हैं कि इसके क्या मायने हैं?

क्या है दसवीं अनुसूची?

आपको बता दें कि संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुसार 2 तरीकों से प्रतिनिधियों की सदस्यता जा सकती है।

पहला , विधायक स्वेच्छा से उस राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़े जिसके टिकट पर वे विधायक चुने गए थे।

दूसरा, पार्टी द्वारा दिए गए निर्देशों के विपरीत जाकर मतदान करना या मतदान से बचना भी विधायकों के खिलाफ जाता है। इससे भी विधायक की सदस्यता कानूनी तौर पर जा सकती है।

आपको बता दें कि सचिन पायलट समेत सभी विधायकों को यह नटिस पहले वाले वाक्य के आधार पर दिया है। जिसमें विधायक स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ देता है। हालांकि सचिन पायलट की दलील ये है कि अभी तक उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने 1994 का भी मामला कोर्ट के समक्ष रखा है।इस फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस्तीफा देना ही पार्टी के छोड़ने का संकेत नहीं होता है।

कोई व्यक्ति यदि स्वेच्छा से अपनी राजनीतिक पार्टी की सदस्यता छोड़ सकता है, भले ही उसने उस पार्टी की सदस्यता से अपना इस्तीफा न दिया हो।  यहां तक ​​कि सदस्यता से एक औपचारिक इस्तीफे की अनुपस्थिति में, एक सदस्य के आचरण से एक निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उसने स्वेच्छा से उस राजनीतिक दल की अपनी सदस्यता छोड़ दी है या नहीं। तुम इन्हीं सब दलीलों के आधार पर कांग्रेस और सचिन पायलट कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं।

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