राहुल कुमार जन की बात,
हाल में हुए घटनाओं को देखते हुए यही लगता है की BMC ने सुशांत सिंह राजपूत केस को दबाने वाली उस लौबी के साथ पूरी वफादारी निभाई है क्योंकि पहले बिहार पुलिस द्वारा किए जा रहे जांच को सुपरविजन करने पहुंचे विनय तिवारी को मुंबई पहुंचते ही जबरन कोरेंटिन कर लिया गया और अब जाकर BMC ने SP विनय तिवारी को वापस जाने की इजाजत दे दी है।
SP विनय तिवारी 2 अगस्त को जब पटना से मुंबई एक सप्ताह पहले सुशांत सिंह के केस की मुंबई में जांच कर रही बिहार पुलिस की टीम को सुपरविजन करने आए थे तभी BMC ने उन्हें जबरन कोरेंटिन करके एक गेस्ट हाउस में भेज दिया था।
BMC ने आधिकारिक काम से मुंबई पहुंचे एक आईपीएस अफसर को यह कहकर कोरेंटिन कर लिया कि वह केंद्र सरकार के गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं। इससे यह साफ हो गया था कि बीएमसी सिर्फ अपनी वफादारी निभा रही है ना की किसी आदेश का पालन कर रही थी।
यह घटना अनलॉक शुरू होने के बाद हुई है जबकि लॉकडाउन की शुरुआत में भी कई सरकारी अफसर अधिकारिक काम से देश के अलग-अलग राज्यों में निरीक्षण के लिए आ-जा रहे थे।
BMC को केंद्र सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन उस समय याद नहीं थी, जब इसी तरह विनय तिवारी से एक सप्ताह पहले चार बिहार पुलिस के जवान जांच के लिए मुंबई पहुंचे थे। बीएमसी को कोरोना से जुड़ी गाइडलाइंस का ख्याल तब आया जब मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे और कई सारे तथ्य सामने आने लगे।
कब तक वापस जा सकते हैं विनय तिवारी और क्यों छोड़ा गया?
BMC ने SP विनय तिवारी को एक टेक्स्ट मैसेज में बताया है कि वह वापस जा सकते हैं। बिहार जांच टीम के 4 सदस्य पहले ही बिहार वापस लौट चुके हैं। बीएमसी ने टेक्स्ट मैसेज में 8 अगस्त के बाद वापस लौटने की इजाजत दी है।
सवाल यह उठता है कि पहले जबरदस्ती एक सरकारी कर्मचारी को कोरेंटिन में डाल दिया जाता है। जबकि हालात को देखते हुए रैपिड टेस्ट या नोर्मल कोरोना टेस्ट कर के रिजल्ट आते ही छोड़ा जा सकता था, अगर बीएमसी को सच में कोरोना संक्रमण की चिंता थी।
ये हैं बिहार cadre के IPS अधिकारी विनय तिवारी जिनको मुंबई में आज रात में 11 बजे रात में ज़बरदस्ती क्वोरंटीन कर दिया गया.SSR केस में जाँच करनेवाली टीम का नेतृत्व करने गए थे.अब ये यहाँ से कहीं निकल नहीं सकते!@IPSVinayTiwari pic.twitter.com/6Le4AXjuJ8
— IPS Gupteshwar Pandey (@ips_gupteshwar) August 2, 2020
सवाल यह भी है कि 2 अगस्त को SP विनय तिवारी को 14 दिन के लिए कोरेंटिन में भेजने वाली BMC ने 5 दिन मैं ही क्यों छोड़ने को तैयार हो गई है। जबकि पहले बिहार डीजीपी और मुख्यमंत्री द्वारा छोड़ने की गुजारिश को नकार दिया गया था।
सीबीआई के पास मामला जाने के बाद बिहार पुलिस अब जांच नहीं कर सकती इसीलिए बीएमसी को अब SP विनय तिवारी को कोरेंटिन में रखने का कोई भी फायदा नजर नहीं आ रहा है इसलिए 14 दिन की जगह 5 दिन में ही उनको छोड़ा जा रहा है।
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