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“ऑपरेशन उरी” ने लश्कर-ए-तैयबा का काम किया तमाम, 2016 उरी जैसे बड़े हमले की फ़िराक में पाकिस्तान

तोषी मैंदोला, जन की बात

जन्नत कही जाने वाली कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तान की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया हमारी भारतीय सेना ने। पाकिस्तान एक बार फिर उरी के सेक्टर 18 में बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में था लेकिन इससे पहले ही देश के जवानों ने पाकिस्तान की हर मुमकिन कोशिश को बेनकाब कर दिया। 18 सितंबर से शुरू किए गए इस ऑपरेशन में लगभग 7 आतंकवादियों को मार गिराया है और इस बीच लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया है। भारतीय सेना के मुताबिक ऑपरेशन उरी के तहत 26 सितंबर को एक आतंकवादी को सेना ने ढेर कर दिया और दूसरे आतंकवादी ने आत्मसमर्पण कर दिया था।

बता दें कि आत्मसमर्पण किए गए आतंकवादी का नाम बाबर अली पात्रा है जो पाकिस्तान के पंजाब के ओखरा का रहने वाला है। आत्मसमर्पण किए गए आतंकवादी अली बाबर लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है जो पाकिस्तान में करीब 3 महीने से आतंकी साजिश को कामयाब करने की ट्रेनिंग ले रहा था। सेना ने आगे कहा कि अली बाबर की उम्र महज 19 साल है। कश्मीर के उरी में आतंकवादियों की घुसपैठ का मकसद साल 2016 की उरी जैसे हमले को अंजाम देना था। मीडिया से बातचीत के दौरान 19 डिफ़ेन्ड्री डिवीजन के जीओसी वीरेंद्र वत्स कहते हैं कि उरी ऑपरेशन में भारतीय सेना को बड़ी सफलता मिली है। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने कई आतंकवादियों को मार गिराया है और लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य अली बाबर को जिंदा गिरफ्तार कर लिया गया है। इस दौरान एके-47 के 7 हथियार और रिवाल्वर, 80 से ज्यादा ग्रेनेड और भारतीय, पाकिस्तान की बड़ी मात्रा में करेंसी बरामद की गई है।

आपको बताते चलें कि पाकिस्तान भारत की सुरक्षा को भंग करने की कोशिश में लगा हुआ था जिसके तहत कश्मीर के उरी में साल 2016 जैसे बड़े हमले को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था लेकिन उससे पहले ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बड़ी कोशिश को नाकामयाब कर दिया।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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