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2000 के नोट को लेकर रिजर्व बैंक के फैसले पर विपक्ष का तंज, हमारे स्वयंभू विश्वगुरु, पहले करते हैं फिर सोचते हैं 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो हजार रुपए के नोट को चलन से बाहर कर दिया है। दो हजार रुपए के नोट अब बैंक और एटीएम में नहीं मिलेंगे। हालांकि, ये लीगल टेंडर मनी रहेंगे। इसका मतलब है कि आपके पास यदि दो हजार रुपए के नोट हैं तो ये वैध रहेंगे। वहीं 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक आप बैंकों में दो हजार रुपए के नोट को बदल सकते हैं, लेकीन सिर्फ 20000 के नोट ही एक बार में बदला जा सकता है।

रिज़र्व बैंक के इस फैसले के सार्वजनिक होने के बाद तंज कसते हुए कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने आरबीआई के फैसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा तो वहीं बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील शिंदे ने इस कदम की सराहना की है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमारे ‘स्वयंभू विश्वगुरु’ की यही खासियत है। हमारे नेता पहले करते हैं, बाद में सोचते हैं। रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नए नोटों को अब वापस लिया जा रहा है।

AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नोट को बंद करने, नए नोट जारी करने की पूरी प्रथा पीएम मोदी ने शुरू की थी। जब उन्होंने इस प्रथा को शुरू किया था, तब इस वजह से सैकड़ों लोगों की जान गई थी। लाखों लोगों के काम धंधे बंद हो गए थे। पूरी अर्थव्यवस्था ठप हो गई थी। नोट बंदी का फायदा न तो आतंक रोकने में हुआ न इससे काला धन वापस आया। मुझे समझ ही नहीं आ रहा है कि अब इस फैसले से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान होगा।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, ‘8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को परेशान करने के लिए वापस आ गया है। नोटबंदी का बहुत प्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। पीएम मोदी ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर राष्ट्र को उपदेश दिया, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ?’

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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