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सरकार में बिना किसी पद पर रहते हुए सोनिया गांधी ने मणिपुर में नए विधानसभा का किया था उद्घाटन, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी थे मौजूद

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। 19 राजनीतिक दलों ने कार्यक्रम का संयुक्त रूप से बहिष्कार कर दिया है। विपक्षी दलों ने बिल्डिंग का उद्घाटन पीएम से करवाने पर बीजेपी को घेर लिया है। वह इसे राष्ट्रपति का अपमान बता रहे हैं। वहीं उन्होंने उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इस दिन सावरकर की जयंती है।

पार्लियामेंट के रिकॉर्ड को देखने पर कुछ और ही कहानी दिखती है। पीएम मोदी पहले ऐसे नेता नहीं हैं जो इस तरह का उद्घाटन करने जा रहे हैं। पीएम मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिसंबर 2011 में राज्य के एक दिवसीय दौरे के दौरान मणिपुर की राजधानी में नए विधानसभा परिसर और सिटी कन्वेंशन सेंटर सहित नए भवनों का उद्घाटन किया था। दोनों नेताओं ने मणिपुर फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन कॉम्प्लेक्स और इंटर स्टेट बस टर्मिनस का भी उद्घाटन किया था।

वहीं संसद के केंद्रीय कक्ष में लगाया जाने वाला पहला चित्र महात्मा गांधी का था। 28 अगस्त, 1947 को, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने ओसवाल्ड बिरले द्वारा चित्रित 4 फीट x 4.1 फीट के चित्र का अनावरण किया था जो कि ए पी पट्टानी द्वारा दान किया गया था।

केंद्रीय हॉल में अनावरण किया जाने वाला दूसरा चित्र 28 जुलाई, 1956 को लोकमान्य बालगंगाधर तिलक का था। गोपाल डी देउस्कर द्वारा चित्रित और तिलक शताब्दी समिति द्वारा दान किए गए 7.3 फीट x 4.3 फीट के चित्र का अनावरण राष्ट्रपति या पहले लोकसभा अध्यक्ष गणेश वासुदेव मालवलंकर द्वारा नहीं किया गया था। बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका अनावरण किया था।

अभी संसद भवन में 25 चित्र हैं जिसमें से 20 का अनावरण राष्ट्रपति द्वारा किया गया है जबकि 2 का पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। 1 का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह द्वारा और 1 पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा किया गया था। 1 चित्र का अनावरण स्पीकर द्वारा किया गया। इसका मतलब है पहले लोकसभा अध्यक्ष के बाद आजतक किसी स्पीकर ने सेंट्रल हॉल में किसी चित्र का अनावरण नहीं किया।

वास्तव में, जवाहरलाल नेहरू एकमात्र पीएम हैं जिन्होंने लोकसभा कक्ष या संसद की आंतरिक लॉबी में एक चित्र का अनावरण भी किया है। मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान संसद संग्रहालय और अभिलेखागार में सात चित्रों का अनावरण किया था, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी ने दो का अनावरण किया था। पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के बीच, संसद भवन के प्रतीक्षालय में सात प्रतिमाओं/प्रतिमाओं का अनावरण किया गया।

संसद परिसर में पहला बड़ा निर्माण 1970 के बाद हुआ। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने 3 अगस्त, 1970 को संसद एनेक्सी भवन की नींव रखी। मगर बाद में उस भवन का उद्धघाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 24 अक्टूबर,1975 को किया। इसके ठीक 4 महीने पहले इसी तारीख को इंदिरा गांधी ने आम लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए देश में इमरजेंसी लगाया था और अधिकतर विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेने का आदेश दिया था।

इतना ही नहीं, संसद परिसर में दूसरे बड़े निर्माण में भी उस समय के प्रधानमंत्री केंद्र में थे। 15 अगस्त 1987 को पीएम राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय भवन की नींव रखी थी। सात साल बाद लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने 17 अप्रैल, 1994 को भवन के शिलान्यास का नेतृत्व किया।

आज नीतीश कुमार की जदयू ये कह कर संसद के उद्घाटन समारोह का वहिष्कार कर रही है कि संसद का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति द्वारा होना चाहिए जबकि नीतीश कुमार ने खुद 2019 में बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल का उद्घाटन किया था।

बात सोनिया गांधी की करें तो वो सरकार में किसी पद पर ना होते हुए भी 28जून, 2010 को अटल टनल का नींव रखा था। वहीं 2009 में सोनिया गांधी ने बांद्रा वर्ली सी लिंक का उद्घाटन भी किया था। 2009 में रायबरेली में रेलवे कोच फैक्ट्री का उद्घाटन भी किया था।

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