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‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ की भावना को कैसे आत्मसात करती है नई संसद, जानिए 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उद्घाटन की शुरुआत पूजा से होगी और इसमें कई दिग्गज नेता शामिल होंगे।

नए संसद भवन के निर्माण का कार्य एक विशाल प्रयास था। इसने कई प्रमुख निर्माण गतिविधियों को ऑफ-साइट भी देखा। इसके अलावा, निर्माण में देश भर से प्राप्त सामग्री का उपयोग भी देखा गया। एक तरह से लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए पूरे देश को एक साथ आते देखा, इस प्रकार एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाता है।

सूत्रों और सरकारी अधिकारियों के अनुसार, सागौन की लकड़ी नागपुर, महाराष्ट्र से मंगवाई गई थी, जबकि लाल और सफेद पत्थर सरमथुरा, राजस्थान से खरीदा गया था। फर्श लगाने के लिए कालीन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए थे। बांस की लकड़ी का फर्श अगरतला, त्रिपुरा से आया है।

अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है। नई संसद के लिए अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है। नई संसद भवन के लिए कुछ फर्नीचर मुंबई से भी मंगाए गए थे। लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से लिया गया है। राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं। केसरिया ग्रीन स्टोन राजस्थान के उदयपुर से मंगवाया गया है।

भारत का नया संसद भवन 12 सौ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है। इसे रिकॉर्ड 28 महीने में बनाकर तैयार किया गया है। इस नए संसद भवन को बनाने में 60 हजार से अधिक श्रमिकों ने काम किया है।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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