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अश्विनी वैष्णव का इस्तीफ़ा मांगने वाले पूर्व रेल मंत्रियों का इतिहास, जानिए किसके राज में रेल दुर्घटनाओं में हुई कितनी मौतें?

ओडिशा के बालासोर में हुई रेल हादसे के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। यहां समीक्षा हो रही है। इसके लिए नीतीश कुमार के इस्तीफे को मिसाल बताया जा रहा है। बिहार की सत्तारूढ़ दल जदयू और आरजेडी इस दुर्घटना की जवाबदेही तय करने की बात कर रही है। पुराने इतिहास को याद किया जा रहा है। राजद और जदयू ने पीएम और रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।

वहीँ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने भी इस दुर्घटना को सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा बताते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है…

लेकिन आइये जानते हैं आज एक रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करने वाले नेता जब खुद रेल मंत्री थे तब इतिहास क्या था, और उनके राज में कितनी रेल दुर्घटनाएं हुई और उनमे कितने लोग मारे गए हैं…

ममता बैनर्जी

सबसे पहले बात करते हैं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की, 2009 में ममता बैनर्जी दूसरी बार रेल मंत्री बनी थी और कांग्रेस सरकार में उनका ये मंत्रालय 2011 तक उनके पास था। ममता बैनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए देश भर में 54 बार ट्रेन की टक्करों की वजह से दुर्घटनाएं हुईं, वहीँ ट्रेन डीरेलमेंट की बात करें तो ये आंकड़ा उनके कार्यकाल में 839 था, यानि की इतनी बार पूरे देश में ट्रेन के पटरियों से उतरने की घटनाएँ हुई थीं, और इन सभी घटनाओं में उस वक़्त कुल 1451 लोगों की मौत हो गयी थी.

नीतीश कुमार

आज जो नितीश कुमार अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, वही नितीश कुमार जब 2001 से लेकर 2004 तक अटल सरकार में रेल मंत्री थे तो उनके रिकॉर्ड भी कुछ ठीक नहीं थे, अगर याद किया जाये तो नितीश कुमार के रेल मंत्री के पद से इस्व्तीफा देने की वजह भी एक भीषण रेल हादसा ही था जब गैसाल में हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था, नितीश कुमार के कार्यकाल की बात करें तो इनके पूरे कार्यकाल में कुल 79 बार ट्रेन के टकराने की दुर्घटनाएं हुई हैं, और 1000 से ज्यादा बार ट्रेने डीरेल हुई हैं, और इन सभी दुर्घटनाओं का नतीजा ये रहा है की नितीश कुमार के कार्यकाल में 1527 से भी ज्यादा मौतें हुईं थी, सिर्फ रेल दुर्घटनाओं की वजह से. नितीश कुमार के ही कार्यकाल में 22 जून 2001 को कदलुंडी ट्रेन पटरी से उतर गई जब मैंगलोर-चेन्नई मेल कम्यूटर ट्रेन कदलुंडी नदी पर पुल 924 को पार कर रही थी, चार डिब्बे पटरी से उतर गए और नदी में गिर गए, जिससे 52 की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए थे.

लालू प्रसाद यादव

बतौर रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का कार्यकाल 2004 से लेकर 2009 तक था, इन पांच सालों में भी रेलवे की तमाम दुर्घटनाएं सामने आयीं जिनमे सैकड़ों आम नागरिकों ने अपनी जानें गवाईं, ट्रेन की टक्कर से हुई दुर्घटनाओं की बात करें तो लालू यादव के कार्यकाल में ये संख्या 51 हैं, यानि इतनी दुर्घटनाएं लालू यादव के कार्यकाल में हुईं, इसके अलावा, 550 से ज्यादा बार ट्रेनों के डीरेल होने की घटनाएँ सामने आयीं, और इन सभी का नतीजा ये रहा की लालू यादव के कार्यकाल में हुई रेल दुर्घटनाओं में कुल 1159 लोगों ने अपनी नजाने गवाईं. लालू यादव के ही कार्यकाल में 29 अक्टूबर 2005 को वालिगोंडा ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब डेल्टा फास्ट पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई, जहां आंध्र प्रदेश के वालिगोंडा शहर के पास एक छोटा रेल पुल बाढ़ से बह गया था, कम से कम 114 मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हो गए थे.

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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