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राजद्रोह कानून हुआ खत्म, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- गुलामी की निशानियों को समाप्त कर हम नया कानून लेकर आए हैं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि भारतीय दंड संहिता पर नया विधेयक देशद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त कर देगा। अमित शाह ने आईपीसी, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। उन्होंने कहा कि गुलामी की निशानियों को समाप्त कर हम नया कानून लेकर आए हैं।

बताते चलें कि इस कानून में कानून कहता है जो कोई भी, बोले गए या लिखे हुए शब्दों से, या संकेतों द्वारा, या दृश्य प्रस्तुतिकरण द्वारा, या अन्यथा, घृणा या अवमानना लाता है या लाने का प्रयास करता है, या सरकार के प्रति असंतोष भड़काता है या भड़काने का प्रयास करता है, उसे तीन साल के कारावास से दंडित किया जाएगा या जुर्माने के साथ जीवन भर के लिए।

तीन बिल पेश करते हुए सदन में अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के आपराधिक क़ानून बदले जाएंगे, 1860 का आईपीसी को बदला जाएगा। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता लेगी। दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लेगी।

नए बिल के अनुसार राजद्रोह का कानून खत्म होगा। इसकी जगह अब धारा 150 के तहत आरोप तय किए जाएंगे धारा 150 में भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य माना गया है।

उन्होंने कहा भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को आगे की जांच के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जाएगा। अमित शाह ने कहा नए कानून में हमारा लक्ष्य सजा देना नहीं है, बल्कि न्याय दिलाना होगा। शाह ने कहा प्रधानमंत्री जी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे। आज मैं जो 3 विधेयक लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक मोदी जी द्वारा लिए गए प्रण में से एक प्रण को पूरा कर रहे हैं।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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