नितेश दूबे, जन की बात
दिल्ली का 2020 का विधानसभा चुनाव काफी रोचक रहा था। हालांकि इसमें आम आदमी पार्टी की तो एकतरफा जीत हुई थी। लेकिन ऐसा भी लगा कि चुनाव में कड़ी टक्कर होगी। पहले तो चुनाव के 1 महीने तक पहले तक आम आदमी पार्टी एकतरफा चुनाव जीतते हुए नजर आ रहे थी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि आम आदमी पार्टी को भी टेंशन होने लगी कि उसके हाथ से चुनाव निकल ना जाए। आपको बता दें जब दिल्ली चुनाव में बीजेपी की स्थिति काफी नीचे थी तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव की कमान संभाली और चुनाव को रोचक मोड़ पर खड़ा कर दिया।
किए रोड शो
आपको बता दें कि 20 जनवरी तक दिल्ली चुनाव में बीजेपी काफी पीछे थी। इसकी भनक बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी लगी और अमित शाह ने भी इसकी रिपोर्ट ली। उसके बाद अमित शाह ने इस चुनाव की खुद कमान संभाली। फिर क्या था अमित शाह ने एक के बाद एक करीब 10 से अधिक रोड शो कर डालें और कई सभाओं को भी संबोधित किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली चुनाव में जनवरी के अंत तक ऐसा लगने लगा था कि अब लड़ाई टक्कर की हो गई है। अब चुनाव में बीजेपी भी बाजी मार सकती है।
अमित शाह की मेहनत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते थे कि दिनभर गृह मंत्रालय का काम निपटा देते और शाम से उनकी सभा और रोड शो चालू हो जाते थे। एक तरीके से यह हैरानी भरी बात भी थी क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का नेता छोटी-छोटी सभाएं कर रहा है। यह उनका पार्टी के प्रति समर्पण ही था।
रैलियों में केजरीवाल पर साधा खूब निशाना
भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह की रैलियों में निशाने पर अरविंद केजरीवाल होते और अरविंद केजरीवाल पर काफी तीखे प्रहार कर रहे थे। यहां तक कि अमित शाह ने केजरीवाल को शाहीन बाग का सपोर्टर तक बताया था। पानी की स्थिति को लेकर के भी अमित शाह ने केजरीवाल पर खूब निशाना साधा। यही नहीं दिल्ली में अस्पतालों को लेकर के भी अमित शाह ने केजरीवाल पर काफी तीखे प्रहार किए। हालांकि बीजेपी को अमित शाह जीत तो नहीं दिला पाए लेकिन पार्टी का वोट शेयर बढ़ाने में जरूर कामयाब हुए।