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महाराष्ट्र में छिड़ी सियासी महाभारत पर प्रदीप भंडारी का मुकदमा, पढ़िए उनकी दलील

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर नया सियासी संकट खड़ा हो गया है. यह सब मंत्री एकनाथ शिंदे के बागी होने की वजह से हुआ है. सूत्रों के मुताबिक शिंदे करीब दो दर्जन विधायकों को लेकर गुजरात में डेरा जमाए हुए हैं. उन्हें करीब 26 एमएलए का समर्थन प्राप्त है. मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा में शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर डिबेट की.

प्रदीप भंडारी ने अपने शो की शुरुआत करते हुए कहा कि,’एक कहावत है जो महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपने पहले सभा के भाषण में कहा था की”मेरा पानी उतरता देख किनारे पे घर मत बना लेना, मैं समंदर हूं लौट कर आउंगा” आज महाराष्ट्र के अंदर शिवसेना के सबसे पुराने नेता जो कॉलेज के दिनों से शिवसेना के साथ हैं, जो बाला साहब ठाकरे के समय से शिवसेना का झंडा उठाते थे. आज वो 30 से ज्यादा, विधायकों के साथ जिसमें निर्दलीय भी मौजूद है सूरत में पहुंच चुके हैं. हम जानते हैं मुख्यमंत्री जी इसका कारण क्या है क्योंकि एकनाथ शिंदे का पूरा जीवन सिर्फ हिंदुत्व में था. वह आज सूरत में इसीलिए मौजूद है क्योंकि उनको और उनके साथ 30 विधायकों को यह लगता है कि शिवसेना हिंदुत्व से परे होकर सिर्फ सत्ता के लोभ के लिए सरकार बना रही है. देश की जनता और महाराष्ट्र की जनता जानती है कि मैंने 2019 में कहा था कि दो अलग विचारधारा से बने गठबंधन ज्यादा देर नहीं टिकते, अगर वह बन भी जाते हैं तो जनता की सेवा कम करते हैं.

महाराष्ट्र में पिछले 2 महीने के नतीजे देखिए, राज्यसभा के चुनाव हुए वहां पर भारतीय जनता पार्टी एक ज्यादा सीट जीत गई , MLC चुनाव मे बीजेपी को 4 जीतना था शिवसेना को 6 लेकिन बीजेपी 5 सीटें जीत गई. क्योंकि एकनाथ शिंदे ही नहीं बाकी और लोग भी जो शिवसेना से जुड़े हैं उन्हें लग रहा है कि शिवसेना विचारधारा से परे हटकर काम कर रही है. इसीलिए उन्होंने बीजेपी को चुना.

अगर जोड़-तोड़ और विचारधारा से परे हटकर कोई सरकार बनेगी तो वह काम के लिए नहीं जानी जाएगी, वह अपनी सरकार बचाने के लिए ही आधे से ज्यादा समय बर्बाद कर देगी. और महाराष्ट्र के सरकार की विरासत क्या है सचिन वाजे, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, सुशांत केस में न्याय नहीं देना, पालघर साधुओं पर चुप होना. जब यह विरासत है तो एकनाथ शिंदे जैसे नेता तो सवाल पूछेंगे ही, इसीलिए आज वह सूरत में मौजूद है.

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