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फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए- प्रदीप भंडारी की दलील

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों की हत्या में शामिल आतंकी इमरान बशीर गनई की मौत की जांच की मांग की है।

बुधवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होश प्रदीप भंडारी ने महबूबा मुफ्ती द्वारा आतंकवादी को समर्थन देने पर आज का मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि,महबूबा मुफ्ती आतंकवाद को समर्थन देने वाली नेता है, आज महबूबा मुफ्ती के आंखों से आंसू निकले जब एक आतंकवादी इमरान गनी को आतंकवादी कहने के बजाए उन्होंने उसे लड़का बुलाया। रामसागर और मुनीश कुमार उत्तर प्रदेश के दो मजदूर जिन्हें इस आतंकवादी इमरान गनी ने सोते हुए ग्रेनेड फेंक कर मार दिया था। लेकिन उनकी मौत पर महबूबा मुफ्ती के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला।

आतंकवादी समर्थक फारूक अब्दुल्ला से जब टारगेट किलिंग के बारे में पूछा जाता है तो वह कहते हैं यह बंद नहीं होगा जब तक इंसाफ नहीं होगा और महबूबा मुफ्ती जो एक आतंकवादी को आतंकवादी नहीं  बुला पाई। यह वही नेता हैं जिन्होंने कुछ समय पहले आतंकवादी यासीन मलिक को समर्थन किया था, जो अफजल गुरु के लिए माफी मांगने के लिए आगे बढ़ी थी। जिनके पुलवामा शहीदों के लिए आंसू नहीं निकले। जब हमारी सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को मारा था तब महबूबा मुफ्ती आतंकवादियों के परिजनों से मिलने गई थी, लेकिन सुरक्षा बल का जो जवान शहीद हुआ था उनके परिजनों से वह नहीं मिलने गई।

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, इन लोगों के जहन में पाकिस्तान के लिए प्रेम पनपता है और यह हिंदुस्तान का दुर्भाग्य है कि ऐसे नेता देश में रहते हैं जो सीना चौड़ा करके इस तरह की देश विरोधी बातें करते हैं। पर मुद्दा यह है कि महबूबा मुफ्ती पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है और फारुख अब्दुल्ला पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा?

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