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जनता का मुकदमा पर बजट 2023 से पहले प्रदीप भंडारी ने बताया बजट का पूरा गणित , पढ़िए ये रिपोर्ट

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार यानी एक फरवरी को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने जा रही हैं. अगला साल लोकसभा चुनावों का है.

मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने आज अपने शो पर बजट पे बात की.

प्रदीप भंडारी के बताया की, बजट एक वित्तीय दस्तावेज है जिसका उपयोग सरकार भविष्य की आय और व्यय को प्रोजेक्ट करने के लिए करती है. आसान शब्दों में कहें तो बजट भविष्य की बचत और व्यय के साथ-साथ नियोजित आय और व्यय की योजना बनाता है. सरकार द्वारा यह अनुमान लगाने के लिए बजट बनाया जाता है कि वे अपनी अनुमानित आय और व्यय के साथ आगे कैसा काम कर सकती है.

बजट पेश करने से पहले न्यू टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने पर भी सरकार ने गंभीर चर्चा हुई है, इसके तहत तीन महत्वपूर्ण सुझाव बजट के लिए रखे गए.

इनकम टैक्स के मौजूदा स्लैब में टैक्स दर कम कर दी जाए. एक नया टैक्स स्लैब बना दें, और सभी स्लैब की टैक्स रेट कम कर दे. सर्विस क्लास के लिए एग्जेंप्शन बढ़ाए जाएं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि अगले चुनावी साल में सरकार इसे लागू करे, इसलिए इनकम टैक्स के स्लैब में किसी बदलाव की उम्मीद कम है. संभवतः अगले साल पेश होने वाले अंतरिम बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है.

सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 से बढ़ाकर 50,000 कर सकती है और इससे बाज़ार पर अच्छा असर पड़ेगा. 80 सी के तहत मिलने वाली छूट जैसे डाकघर और अन्य बचत योजनाओं की निवेश सीमा बढ़ाई जा सकती है. इसकी निवेश सीमा अभी 1.50 लाख है और माना जा रहा है कि सरकार बचत राशि 1.75 लाख कर सकती है, इससे दो फ़ायदे होगे, सरकार को पूंजी मिलेगी और बाज़ार से पैसा उधार नहीं लेना पड़ेगा और आम नागरिक ज़्यादा बचत कर पाएगा. सुकन्या निधि योजना में 10 साल की कैपिंग में रियायत मिल सकती है.

रोज़गार पर बजट का फ़ोकस होगा. अर्बन सेक्टर में रोज़गार बढ़ाने के लिए योजना लाई जा सकती है. इसके लिए छोटे कारोबारियों को रोज़गार के ज़्यादा अवसर पैदा करने पर इन्सेंटिव देने की योजना लाई जा सकती है.

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